Nov 08 2015 04:39 PM
अजमेर : विद्यार्थियों के लिए सफलता के लिए आवश्यक है कि वे दक्षता, श्रेष्ठता और योग्यता से अध्ययन करें। यही सफलता का मूलमंत्र है। अब तो 80 और 90 अंक लाना भी पीछे छूट गया है। 100 प्रतिशत अंक से सफलता आंकी जाने लगी है। अब तो आॅलराउंडर बने बिना सफलता नहीं मिलेगी। केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने राजस्थान के अजमेर में मेयो काॅलेज गर्ल्स स्कूल के वार्षिकोत्सव में कहा कि दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं।
भारत श्रेष्ठतम युवाओं, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों और प्रबंधकों के बल पर विकास के पायदान पर आगे बढ़ रहा है। पहले तो शिक्षा के लिए किताबें और शिक्षक ही हुआ करते थे, मगर अब इंटरनेट, मोबाईल और ढेरों संसाधन हैं। विद्यार्थियों को करोड़ों लोगों से सामना करना पड़ता है। तब जाकर वे प्रतिस्पर्धा में टिकते हैं।
अब दुनिया में ज्ञान के मायने बदल रहे हैं। विज्ञान और आर्थिक गतिविधियों में बदलाव आया है। विद्यार्थी अपनी बौद्धिक संपदा और ज्ञान से टिक सकते हैं।
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