भारत ही नहीं, बल्कि इस देश के लिए भी रबीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था 'राष्ट्रगान'
भारत ही नहीं, बल्कि इस देश के लिए भी रबीन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था 'राष्ट्रगान'
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नई दिल्ली: भारत की महान धरती ने अनेकों वीरों, अनेको महापुरुषों और अनेकों दार्शनिकों को जन्म दिया है. ऐसी ही एक प्रमुख हस्ती थे रबीन्द्रनाथ टैगोर. वे एक लेखक और एक कवि भी थे. उनकी कलम में इतनी धार थी कि उन्होंने दो-दो देशों को अपने राष्ट्रगान दिए. एक भारत का जन-मन-गण और हमारे पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश का अमार शोनार बांग्ला. 7 मई 1861 को कोलकाता में जोरासंको हवेली में रबीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म हुआ था. कवि और लेखक होने के साथ-साथ वे एक बेहतरीन संगीतकार और चित्रकार भी थे. आइए जानते है रबीन्द्रनाथ टैगोर से जुड़ी कुछ ख़ास बातों के बारे में...

रबीन्द्रनाथ टैगोर से जुड़ीं रोचक बातें...

1- रबीन्द्रनाथ टैगोर ने कुल 2200 से अधिक गीत रचे थे और 'रवींद्र संगीत' के नाम से उनका गीत कलेक्शन मौजूद है. 

2- 1910 में टैगोर की विश्व प्रसिद्ध रचना गीतांजली प्रकाशित हुई थी. इसमें उनकी कुल 157 कविताओं का कलेक्शन है.

3-  रबींद्रनाथ टैगोर ने पश्चिम बंगाल में 23 दिसंबर 1921 को विश्वभारती यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी.

4- रबीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय किताब में 'द किंग ऑफ द डार्क चैंबर' का नाम भी शामिल है. 2018 में इसकी नीलामी हुई तो इसे अमेरिका में सात सौ डॉलर (करीब 45 हजार रुपये) में नीलाम किया गया. रबीन्द्रनाथ टैगोर के हिंदी में लिखे नाटक 'राजा' का यह अंग्रेजी अनुवाद है और यह किताब 1916 में मैकमिनल कंपनी द्वारा प्रकाशित की गई थी. 

5- टैगोर के विचार की भी आज के समय में बहुत आवश्यकता है. वे कहा करते थे कि महज पानी पर खड़े होकर या उसे देखकर समुद्र पार नहीं होता है. बल्कि समंदर लांघने के लिए आगे बढ़ना होता है. 

6- रबीन्द्रनाथ टैगोर को लोग प्रेम से 'गुरुदेव' भी कहते हैं. 

7- रबीन्द्रनाथ टैगोर की जो सबसे बड़ी उपलब्धि थी उनमें एक उपलब्धि यह भी है कि वे नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय थे. 1913 में उन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार उनकी पुस्तक 'गीतांजलि' के लिए प्रदान किया गया था. 

8- 1861 को जन्में रबीन्द्रनाथ टैगोर ने जोरासंको ठाकुरबाड़ी, कोलकाता में 7 अगस्त 1941 को अंतिम सांस ली. 

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