क्या था गेस्ट हाउस कांड ? जब सपा के गुंडों में घिर गई थी बसपा सुप्रीमो मायावती
क्या था गेस्ट हाउस कांड ? जब सपा के गुंडों में घिर गई थी बसपा सुप्रीमो मायावती
Share:

आज बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायावती का जन्मदिन है। वे आज 66 साल की हो चुकी हैं। जब मायावती का नाम आए और गेस्ट हाउस कांड की बात न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। यूपी की सियासत में 2 जून 1995 का दिन स्टेट गेस्ट हाउस कांड के नाम से जाना जाता है। उस समय बसपा के प्रमुख कांशीराम थे। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने 1993 में कांशीराम के साथ गठबंधन करके राजनीति की नई इबारत लिखी थी। दोनों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा और सत्ता तो हासिल कर ली, मगर दो साल बाद ही इस रिश्ते में वो मोड़ आया, जिसने यूपी की सियासत को बदलकर रख दिया।

गठबंधन सरकार में आपसी टकराव के कारण 2 जून 1995 को बसपा ने सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी। इससे मुलायम सरकार अल्पमत में आ गई। इससे आगबबूला हुए सपा कार्यकर्ताओं ने सारी मर्यादा लांघते हुए सांसद, विधायकों की अगुआई में लखनऊ के मीराबाई मार्ग स्थित स्टेट गेस्ट हाउस का घेराव शुरू कर दिया। बताया जाता है उस समय बसपा नेता मायावती इसी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 1 में ठहरी हुईं थीं।  बसपा के MLA और कार्यकर्ता भी वहां मौजूद थे, मगर मुलायम सिंह के कार्यकर्ताओं ने उन्हें बंधक बना लिया था। स्थिति ये हो चुकी थी कि सपा के दबंग नेता बसपा के विधायकों को किडनैप करने लगे और मायावती ने अपने आप को बचाने के लिए रूम अंदर से बंद कर लिया। कई घंटों तक ये ड्रामा चलता रहा। आखिरकार भाजपा के कुछ नेताओं के दखल करने से मामला राजभवन पहुंचा और पुलिस सक्रिय हुई और किसी प्रकार मायावती को वहां से बचाकर निकाला गया।   

गेस्ट हाउस कांड के यूपी की सियासत में एक काला पन्ना जोड़ दिया था। घटना के बाद मायावती पर हमले के विरोध में मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, सपा के दिग्गज नेता धनीराम वर्मा, आजम खां, बेनी प्रसाद वर्मा सहित कई नेताओं के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में तीन केस दर्ज हुए थे। इसमें सबूत के रूप में फोटोग्राफर्स की कैद की हुई तस्वीरें पेश की गई। CB CID ने जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल किया। इसके बाद सरकारें आती जाती रहीं, मगर स्टेट गेस्ट हाउस कांड का केस चलता ही रहा। हालांकि, इस कांड के 24 साल बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा बसपा एक साथ आए,  और मायावती ने अपना मुकदमा वापस ले लिया।  हालांकि, मायावती आज भी अपने इस फैसले पर पछताती हैं। 

बिहार में करंट लगने से SSB के 3 जवानों की मौत, 9 अन्य घायल

हरियाणा: शिक्षा मंत्री की सुरक्षा में चूक, 18 पुलिसकर्मियों सहित 37 कर्मियों पर गिरी गाज

सुरक्षा के लिहाज से बहु के गहने अपने पास रखना क्रूरता नहीं, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -