एक स्टॉक ब्रोकर से 'सियासत के शाह' तक... 9 पॉइंट्स में जानिए कैसा रहा है अमित शाह का सफर
एक स्टॉक ब्रोकर से 'सियासत के शाह' तक... 9 पॉइंट्स में जानिए कैसा रहा है अमित शाह का सफर
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देश के गृह मंत्री अमित शाह आज अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं। वे आज देश की सियासत के सबसे एक चेहरा बन चुके हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि वे आज जिस मुकाम पर हैं, वहां पहुंचने में उन्‍हें किन-किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। देश की राजनीति में हर क्षेत्र में दखल देने का माद्दा रखने वाले शाह कभी जेल भी जा चुके हैं। आइये जानते हैं 'सियासत के शाह' की जिंदगी से जुड़ी कुछ बड़ी बातें:-

1 – अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में एक व्यापारी के घर में हुआ था। वे गुजरात के एक रईस परिवार से संबंध रखते हैं। उनका गाँव पाटण जिले के चँन्दूर में है। मेहसाणा में प्रारंभिक पढ़ाई के बाद बॉयोकेमिस्ट्री की पढ़ाई के लिए वे अहमदाबाद आए, जहां से उन्होंने बॉयोकेमिस्ट्री में Bsc की डिग्री ली। सियसत में आने से पहले शाह मनसा में प्लास्टिक की पाइप का पारिवारिक कारोबार संभालते थे। शाह बहुत कम आयु में ही राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे।

2 – 1982 में कॉलेज के दिनों में अमित शाह की मुलाक़ात नरेंद्र मोदी से हुई। 1983 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े और इस तरह उनका सियासी रुझान बढ़ने लगा।

3 – 1986 में अमित शाह ने भाजपा की सदस्यता ली। 1987 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) का सदस्य बनाया गया। शाह को पहला बड़ा राजनीतिक अवसर मिला 1991 में, जब लालकृष्‍ण आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में उन्होंने चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभाली। 

4 – पेशे से स्टॉक ब्रोकर अमित शाह ने 1997 में गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से उपचुनाव जीतकर अपने सियासी करियर की शुरुआत की। 1999 में वे अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक (ADCB) के अध्यक्ष चुने गए। 2009 में वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बने।

5 – 2014 में नरेंद्र मोदी के अध्‍यक्ष पद छोड़ने के बाद अमित शाह गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने।  2003 से 2010 तक अमित शाह, गुजरात की मोदी कैबिनेट में गृह मंत्री भी रहे।

6 – अमित शाह उस समय सुर्खियों में आए जब 2004 में अहमदाबाद के बाहरी इलाके में कथित रूप से एक फर्जी एनकाउंटर में 19 वर्षीय इशरत जहां, ज़ीशान जोहर और अमजद अली राणा के साथ प्रणेश की हत्या की गई थी। गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि 2002 में गोधरा के बाद हुए दंगों का बदला लेने के लिए ये लोग गुजरात के सीएम मोदी को मारने के लिए आए थे। इस मामले में गोपीनाथ पिल्लई ने कोर्ट में आवेदन देकर अमित शाह को भी आरोपी बनाने की गुजारिश की थी। हालांकि 15 मई 2014 को CBI की एक स्पेशल कोर्ट ने शाह के खिलाफ  पर्याप्त सबूत न होने की वजह से इस याचिका को ख़ारिज कर दिया।

7 – एक वक़्त ऐसा भी आया जब सोहराबुद्दीन शेख के फर्जी एनकाउंटर केस में उन्हें 25 जुलाई 2010 को गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा। अमित शाह पर आरोपों का सबसे बड़ा हमला, उनके बेहद खास रहे गुजरात पुलिस के निलंबित अफसर डीजी बंजारा ने किया।

8 – 16वीं लोकसभा चुनाव के तक़रीबन 10 माह पूर्व अमित शाह 12 जून 2013 को भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रभारी बनाए गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपार सफलता के बाद अमित शाह का कद पार्टी में इतना बढ़ा कि उन्हें भाजपा अध्‍यक्ष बनाया गया।

9 – अपनी अध्यक्षता में भाजपा को 2019 चुनाव में प्रचंड जीत दिलवाने के बाद वे देश के गृह मंत्री बनाए गए, जिस पद पर वे आज भी बरक़रार हैं। 

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