चीन के खिलाफ अरुणाचल सरहद पर ब्रम्हास्त्र के रूप में ब्रह्मोस  तैनात
चीन के खिलाफ अरुणाचल सरहद पर ब्रम्हास्त्र के रूप में ब्रह्मोस तैनात
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नई दिल्ली - अरुणाचल प्रदेश की सरहद पर चीन की उत्तेजनात्मक गतिविधियों के मद्देनजर मोदी सरकार ने चीन से लगने वाली अरुणाचल सरहद पर सेना के लिए ब्रह्मोस मिसाइल की चौथी रेजिमेंट तैनात करने का बड़ा फैसला किया है. हाल ही में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने ये फैसला लिया. सेना के लिए ब्रह्मोस मिसाइल की चौथी रेजिमेंट में सौ मिसाइल शामिल होंगी. लेह से लेकर अरुणाचल तक ऊंचे पहाड़ों में चीन जैसे ताकतवर मुल्क से मुकाबला करने के लिए सेना को ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों से लैस किया जायेगा. ब्रह्मोस की तैनाती भारत के लिए ब्रम्हास्त्र साबित होगी जो पहाड़ियों की ओट में बनाये गए दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने में सक्षम होगी.

 यहां ब्रह्मोस की खूबियों के बारे में बताना उचित होगा.सेना के पास स्टीप डाइव ब्रह्मोस ऐसा घातक हथियार होगा जो लक्ष्य को 70 से 90 डिग्री के कोण से या एकदम सिर के ऊपर से भेदने में सक्षम है. सेंसरों और उपग्रहों से जुड़ी इस मिसाइल को सुपरसोनिक गति से बड़े खतरनाक करतबों के जरिए 290 किलोमीटर दूर के लक्ष्य को भेदा जा सकता है.चीन से लगती सीमा पर ब्रह्मोस की तैनाती से भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ जायेगी.इस मिसाइल के 90 डिग्री के कोण से मार करने की क्षमता के चलते यह विमानों को गिरा सकती है और यह नौसेना के लिए भी काफी उपयोगी होगी.ब्रह्मोस के सीईओ सुधीर कुमार मिश्रा ने बताया कि इस नई मिसाइल से सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी.

ब्रह्मोस मिसाइल का आज कोई सानी नहीं है लेकिन जल्द ही ये मिसाइल सुपरसोनिक से हाइपरसोनिक होने जा रही है. ब्रह्मोस आज दुनिया में अकेली और सर्वश्रेष्ठ सुपरसोनिक मिसाइल है. मल्टी मिशन मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर की है और इसकी गति 2.8 मैक है. यह भूमि, समुद्र, उप समुद्र और वायु से समुद्र और भूमि लक्ष्यों के खिलाफ हमला करने में सक्षम है.सेना में यह ब्रह्मोस की चौथी रेजिमेंट होगी.

नौसेना में अब तक 9 युद्धपोतों में ब्रह्मोस मिसाइल तैनात हो चुकी है. पिछले साल 16 अगस्त को मुंबई में प्रधानमंत्री मोदी ने जिस आईएनएस कोलकाता युद्धपोत को नौसेना में शामिल किया था उसमें 16 ब्रह्मोस मिसाइल तैनात की गई हैं. ब्रह्मोस के हवाई संस्करण को भारतीय वायु सेना के सुखोई-30 एमकेआई स्ट्राइक फाइटर पर उड़ान परीक्षणों के लिए तैयार किया जा रहा है.

उधर, संसद भवन में पहली बार डीआरडीओ ने देश भर के सांसदों के लिए टैंक , मिसाइल और अन्य हथियारों की प्रदर्शनी लगाई.तीन अगस्त से पांच अगस्त तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने किया. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने लोकसभा स्पीकर को अलग अलग हथियारों के बारे में जानकारी दी.देश में ही निर्मित इनमें लाइट कॉम्बेट एयरकाफ्ट तेजस, ब्रहमोस मिसाइल, अर्जुन टैंक, मल्टी बैरल रॉकेट लांचर पिनाका, वरुणास्त्र टारपीडो, रडार के अलावा कई अन्य हथियार प्रणाली शामिल हैं.

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