आर्मी के सर्विलांस से बचने के लिए अपना रहे नई तकनीक
आर्मी के सर्विलांस से बचने के लिए अपना रहे नई तकनीक
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नई दिल्ली: जम्मू -कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकवादी आर्मी के सर्विलांस से बचने के लिए अपने स्मार्ट फोन में नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. आतंकवादियों के मोबाईल में कैलकुलेटर की नई ऐप पाई गई है. यह ऐप आर्मी के टेक्निकल सर्विलांस की पकड़ में नहीं आती है. इसके जरिए पाकिस्तान में बैठे आकाओं से बात की जाती है|

इस साल कश्मीर में घुसपैठियों की संख्या बढ़ी है. जिससे सेना को पता चला कि आतंकवादी अपने साथ एक फोन रखते हैं जिसमें कोई मैसेज नहीं होता. आर्मी कि सिग्नल यूनिट अब घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को ट्रेस करने के लिए नेशनल टेक्निकल रिसर्च आर्गेनाइजेशन और अन्य एजेंसियों की मदद से तोड़ ढूंढने में लगी है|

इस तकनीक का पहली बार इस्तेमाल एक अमेरिकन कम्पनी ने हरिकेन कटरीना के समय किया था. ताकि प्रभावित नागरिक एक दूसरे के संपर्क में रह सके. लश्कर ए तैय्यबा के कुछ आतंकवादियों से पूछताछ में एजेंसियों को पता चला कि आतंकी सगठन ने इस तकनीक को तोड़ मरोड़ कर एक एप्लिकेशन कैलकुलेटर तैयार की है, जो कि सिर्फ उन्हीं के बताए गए आफ एयर नेट वर्क से जुड़े स्मार्टफोन्स पर डाउन लोड की जा सकती है|

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