नई दिल्ली : तमिलनाडु कैडर की आईपीएस अधिकारी अर्चना राम सुंदरम को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का चीफ बनाया गया है। देश में वो पहली महिला है, जिसे सुरक्षा बल का चीफ बनाया गया है। ये बल नेपाल औऱ भूटान की सीमा पर तैनात है। साथ ही छतीसगढ़ और बिहार में नक्सल विरोधी अभियानों में भी मदद कर रहा है।
अर्चना इससे पहले सीबीआई की एडिशनल डायरेक्टर बनाई गई थी। तब उन पर विवाद हुआ था, क्यों कि उन्होने तमिलनाडु कैडर से रिलीव हुए बिना ही डायरेक्टर का पद संभाल लिया था। इसके बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल की। अदालत ने अर्चना को यह पद संभालने से साफ मना कर दिया।
इसके बाद अर्चना को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की डीजी का पदभार सौंपा गया। अर्चना ने कुछ साल पहले 25 नवंबर को इंटरनेशनल डे फॉर एलिमिनेशनल ऑफ वॉयलेंस अगेंस्ट वुमन के मौके पर यूनीफेम के नॉट मिनिट मोर इवेंट को भी संबोधित किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि हमारे देश में अजीब असमानताएं हैं। एक ओर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और यूएन जनरल असेंबली प्रेसिडेंट विजयलक्ष्मी पंडित जैसी महिलाएं रही हैं।
दूसरी और ज्यादातर महिलाएं गरीब, बीमार, परंपराओं से जूझती और भेदभाव हिंसा सहती हैं। कानून और विकास के लिए लाई गई स्कीमों से महिलाओं के प्रति हिंसा की वारदातों पर कोई असर नहीं हुआ है। पुलिस फोर्स मेल डॉमिनेटेड है। अर्चना ने पुलिस फोर्स पर इल्जाम लगाते हुए कहा था कि महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा को रोकना भारतीय पुलिस की प्राथमिकता नहीं रही है। लेकिन जिन महिलाओं की मैंने मदद की, उनके चेहरों ने मुझे बताया है कि मैं सही दिशा में काम कर रही हूँ।