आगरा: विश्व के सात अजूबों में शामिल ताजहमल के चमेली फर्श के 400 जर्जर पत्थर बदलने का काम आरंभ हो चुका है। विशेष बात ये है कि स्मारक के बनने के 370 वर्ष बाद ये पत्थर बदले जाएंगे। इन पत्थरों के स्थान पर राजस्थान से लाए गए पत्थर लगाए जाएंगे। चमेली फर्श पर लगाने के लिए राजस्थान के बंशीपहाड़पुर से लाल पत्थर और मकराना से मार्बल लाने का आर्डर दे दिया गया हैं।
बता दें कि ताजमहल का निर्माण वर्ष 1648 में पूरा हुआ था। बताया जा रहा है कि तब से लेकर आज तक चमेली फर्श के पत्थर नहीं बदले गए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने 400 पत्थरों को चिह्नित कर उन्हें बदले जाने की टेंडर प्रक्रिया भी पूरी की है। उसके साथ ही पत्थर भी मंगवा लिए गए हैं। अब इन पत्थरों को तराशने का काम आरंभ होगा। स्मारक को किसी किस्म का नुकसान न हो, इसके लिए इन पत्थरों को स्मारक के बाहरी इलाके में तराशा जाएगा।
दरअसल, फर्श के पत्थरों को लगाने से पहले मशीनों के माध्यम से इनकी कटिंग की जाएगी। मजदूरों द्वारा छैनी और हथौड़े से इन पत्थरों को तराशा जाएगा। इस दौरान पत्थर के बेहद बारीक कण फर्श पर हवा के साथ बिखर जाते हैं। ऐसे में यहां आने वाले पर्यटकों के पैरों से रगड़ने पर स्मारक के अन्य पत्थर खराब हो सकते हैं। इसलिए लाल पत्थरों को तराशने का कार्य दशहरा घाट की तरफ स्थित कार्यशाला और सफेद पत्थर यानि मार्बल को तराशने का कार्य गोशाला में किया जाएगा।
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