नई दिल्ली: आज पूरी दुनिया के साथ भारत भी कोरोना की समस्या से बुरी तरह जूझ रहा है। देश के करोड़ों लोगों के पास लॉक डाउन के चलते दाना-पानी की समस्या उत्पन्न हो चुकी है। जाहिर है कि 135 करोड़ की आबादी वाले इस देश में सरकार के लिए हर एक के पास तक मदद पहुँचाना बेहद कठिन है। लेकिन यह देश कई सारे संसदीय क्षेत्र, विधानसभा क्षेत्र, वार्ड क्रमांक आदि में बंटा हुआ है। जिसमे प्रत्येक क्षेत्र का एक प्रतिनिधि भी नियुक्त है। वही प्रतिनिधि, जो चुनाव के समय आपके पसीने पर अपना खून बहा देने वाले वादे करते नज़र आता है और चुनाव ख़त्म होने के बाद ऐसे गायब हो जाता है जैसे धरा पर आया ही ना हो।
आपको बता दें कि हमारे देश में 545 साँसद, 245 राज्यसभा सांसद, 4120 विधायक हैं, इनके अलावा पार्षदों की गिनती तो हज़ारों में है। है। लेकिन अगर इन जनप्रतिनिधियों का भी जोड़ किया जाए तो कुल मिलाकर 4910 जनप्रतिनिधि होते हैं। अगर ये सभी जनप्रतिनिधि मिलकर अपने व्यक्तिगत खातों मे से 5-5 लाख रुपए भारत सरकार को दे तो देश के पास कोरोना महामारी से लड़ने के लिए 2,455,000,000 लाख ( 2 अरब 45 करोड़ 50 लाख) रुपये जमा सकते हैं। हर सांसद और विधायक ये देने में सक्षम है (गिने-चुनों को छोड़कर), क्योंकि इनके चुनावी हलफनामे में सबकी संपत्ति लाखों करोड़ों में दर्शाई गई है।
इसलिए हमारी देश के पीएम नरेन्द्र मोदी जी से अपील है कि वो भारत देश के इन माननीय जनप्रतिनिधियों से आग्रह करें की वो अपने व्यक्तिगत खातों से 5-5 लाख रुपये देश की सेवा के लिए दान करे। जिससे देश की जनता को इस मुसीबत के वक़्त में दाना-पानी मुहैया कराया जा सके।
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