कांग्रेस शासित राजस्थान में 'ऊपर तक' जाता है रिश्वत का पैसा, गिरफ्तार इंस्पेक्टर ने खोल के रख दी पोल
कांग्रेस शासित राजस्थान में 'ऊपर तक' जाता है रिश्वत का पैसा, गिरफ्तार इंस्पेक्टर ने खोल के रख दी पोल
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जयपुर: कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने ड्रग इंस्पेक्टर को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. जैसे ही उस इंस्पेक्टर को अरेस्ट किया गया, उसने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि अकेले मेरे लिए नहीं है, ऊपर तक देना पड़ता है, नहीं देने पर कहते हैं कि बीकानेर ट्रांसफर करवा देंगे.

बता दें कि गिरफ़्तार इंस्पेक्टर सिंधू कुमारी के पास जयपुर के 500 मेडिकल स्टोर के निरीक्षण की ज़िम्मेदारी थी और वो हर एक स्टोर से हर महीने पांच-पांच हज़ार रुपये की रिश्वत लेती थी. इस हिसाब से इंस्पेक्टर के पास हर महीने रिश्वत के 25 लाख रुपए आते थे. ये केस कुछ उसी तरह का है, जिस केस में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और NCP नेता अनिल देशमुख जेल में बंद हैं, उनपर भी पुलिस अधिकारी को 100 करोड़ की वसूली करने का आदेश देने के आरोप हैं, ये वसूली ही रिश्वत है. बहरहाल, राजस्थान वाले मामले में दस दिन पहले ही ACB के पास एक दवा दुकान मालिक ने शिकायत की थी कि कई वर्षों से ड्रग इंस्पेक्टर सिंधू कुमारी 5 हजार रुपये प्रतिमाह ले रहीं हैं. 

दूकान मालिक ने कहा था कि आज तक उन्होंने कभी किसी दवा दुकान की जांच नहीं की, बस उनकी मांग होती है कि घर आकर पैसे दे जाओ. छोटे मोटे काम भी कराने होते हैं तो हर काम के लिए पैसे मांगती हैं. ड्रग स्टोर में या दवा दुकान में कोई नया कर्मचारी भी रखना है, तो उसके एवज में भी पैसे देने पड़ते थे, क्योंकि नियम के मुताबिक राज्य इंस्पेक्टर को सूचना भी देनी होती है. ACB ने लगातार सात दिनों तक इस शिकायत की जांच की और उसे सही पाया, तब 10 हज़ार रुपये की रिश्वत मांगने वाली सिंधू कुमारी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एक जाल बिछाया गया. ACB ने आरोपी इंस्पेक्टर को एक रेस्टोरेंट में पैसे लेने के लिए बुलाया और वहां पर उन्हें पकड़ लिया. सिंधू कुमारी मूलतः बिहार की निवासी है और जयपुर में नौकरी करती है.

मीटिंग से गायब, रिश्वत लेने के लिए हाजिर 

ड्रग इंस्पेक्टर सिंधू कुमारी जब घूस ले रही थी तब मेडिकल विभाग में अहम बैठक चल रही थी .उन्हें बुलाया जा रहा था, लेकिन वह रिश्वत के पैसे लेने के लिए रेस्टोरेंट पहुंच गईं .बताया जाता है कि सिंधू कुमारी की ड्रग विभाग में अच्छी खासी पकड़ है. जयपुर के सबसे बड़े मेडिकल कारोबार बाज़ार सेठी कॉलोनी का जिम्मा भी उनके ही पास था. इंस्पेक्टर होने के बाद भी उन्हें गाड़ी और ड्राइवर जैसी सुविधाएं मिली हुईं थीं. पिछली बार कोरोना में जब रेमडेसिविर इंजेक्शन का संकट खड़ा हुआ था, तब भी उसकी पूरी जिम्मेदारी ड्रग विभाग द्वारा ड्रग इंस्पेक्टर सिंधू कुमारी को ही दी गई थी. अब सिंधू कुमारी के आरोपों से ड्रग विभाग में हड़कंप मच गया है. ACB इस मामले की तस्दीक कर ऊपर के अधिकारियों पर भी एक्शन लेने जा रही है

भ्रष्टाचार के आगे खुद CM अशोक गहलोत भी बेबस

बता दें कि, सरकारी सिस्टम में भ्रष्टाचार इतनी गहराई तक फैला हुआ है कि सीएम अशोक गहलोत भी बेबस हो चुके हैं. सीएम गहलोत ने कुछ दिन पहले करप्शन पर हाथ खड़े करते हुए कहा था कि जो विभाग मेरे पास है, उसमें भी मैं भ्रष्टाचार न होने गारंटी नहीं ले सकता. वहां भी अपने लोग हैं. भ्रष्टाचार करने कोई बाहर से, दूसरे देश से तो नहीं आ रहा है. दरअसल, सीएम अशोक गहलोत, शिक्षकों के विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर स्पष्टीकरण दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने ये बात कही थी. दरअसल, 16 नवंबर को शिक्षकों से गहलोत ने सवाल किया था कि काम कराने के लिए पैसे देने पड़ते हैं क्या ? तो सबने हां कहा था. इसके बाद से सीएम गहलोत कई बार भ्रष्टाचार को लेकर सफ़ाई दे चुके हैं. 

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