केरल में फ़ैल रही नयी बीमारी एंथ्रेक्स, जानिए इसके बारे में सब कुछ
केरल में फ़ैल रही नयी बीमारी एंथ्रेक्स, जानिए इसके बारे में सब कुछ
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केरल (Kerala) में एक के बाद एक आने वाले संक्रमण लोगों के होश उड़ा रहे हैं। इनमे पहले वेस्ट नाइल फीवर, टोमैटो फ्लू और नोरोवायरस का संक्रमण फैला, और अब यहां एंथ्रेक्स (Anthrax ) के मामले सामने आए हैं। जी हाँ और इस प्रकोप के कारण यहां जंगली सूअरों की मौत हुई है। बताया जा रहा है केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज (Veena George) का कहना है अथिरापिल्ली वन क्षेत्र में जंगली सूअरों की मौत हुई और जांच में एंथ्रेक्स की पुष्टि हुई है। वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इन्हें निकालने और दफनाने वाले कर्मियों को सावधानी बरतने और उनके स्वास्थ्य पर नजर रखने को कहा गया है। केवल यही नहीं बल्कि इसके अलावा एंथ्रेक्स के प्रसार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जा रहे हैं।

क्या है एंथ्रेक्स: अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी CDC के मुताबिक, एंथ्रेक्स ग्राम पॉजिटिव बैक्टीरिया से फैलने वाली बीमारी है। जी हाँ और इसका वैज्ञानिक नाम है बेसिलस एंथ्रेसिस। इसी के साथ यह बैक्टीरिया मिट्टी में पाया जाता है, जो आसानी से जंगली और पालतू जानवरों तक पहुंच जाता है। आपको बता दें कि यह इस तरह संक्रमण पहुंचाता है। जी दरअसल संक्रमित जानवरों के सम्पर्क में आने या बीमार जानवरों के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने पर इंसान को भी यह संक्रमित कर सकता है।

ऐसे शरीर में पहुंचता है एंथ्रेक्स का बैक्टीरिया: एजेंसी के मुताबिक, संक्रमण चाहें इंसान में हो या जानवर में, दोनों में संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है। मौत भी हो सकती है। इसी के साथ इंसान के शरीर में बैक्टीरिया पहुंचने पर यह तेजी से अपनी संख्या को बढ़ाता और टॉक्सिन को रिलीज करता हैं जो हालत को गंभीर बनाता है। केवल यही नहीं बल्कि यह बैक्टीरिया शरीर में कई तरह से पहुंच सकता है और सांस लेने के दौरान, दूषित खाना और पानी पीने पर या फिर स्किन जख्म होने पर बैक्टीरिया यहां से भी शरीर में पहुंच सकता है।

इन लक्षणों पर रखें नजर: सीडीसी के मुताबिक, इंसानों में इसके संक्रमण के मामले कम ही सामने आते हैं। लेकिन फिर भी इसके मामले सामने आने पर वैक्सीन के जरिए इससे बचा जा सकता है। जी दरसल इसके संक्रमण के बाद स्किन पर छाले,बुखार, कंपकंपी, सीने में दिक्कत होना, उल्टी होना, पेट में दर्द, सिरदर्द, शरीर में दर्द और थकान होना इसके प्रमुख लक्षण हैं।

क्या है इसका इलाज: एंथ्रेक्स के कई प्रकार होते हैं, लेकिन इसके सभी मामलों एंटीबायोटिक्स देकर लक्षणों और बैक्टीरिया के असर को कंट्रोल किया जाता है। वहीं संक्रमण के बाद एंथ्रेक्स का बैक्टीरिया स्पोर्स को रिलीज करता है और अपनी संख्या को बढ़ाता है। संख्या बढ़ने पर ये ज्यादा मात्रा में टॉक्सिंस यानी जहरीले पदार्थ रिलीज करता है। इसे रोकने के लिए एंटीटॉक्सिन दवाएं दी जाती हैं।

कैसे बचें: सीडीसी के मुताबिक, इससे बचने के लिए वैक्सीन लगवा सकते हैं। केवल यही नहीं बल्कि इसके अलावा ट्रैवल के दौरान संक्रमण वाले क्षेत्र में रहने वाले जानवरों के संपर्क में आने से बचें।

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