लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के एक और नेता पर बलात्कार का आरोप लगा है। पूर्व प्रदेश सचिव और मऊ बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र बहादुर पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। महिला सहकर्मी ने शिकायत दर्ज कराई है कि पाल पिछले एक साल से उसका यौन शोषण कर रहा है और फोटो और वीडियो के जरिए उसे मजबूर कर रहा है।
मऊ बार एसोसिएशन के दो बार अध्यक्ष रह चुके वीरेंद्र बहादुर पाल पर अब गंभीर आरोप लगे हैं। मऊ के कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें 115(2), 351(2), 352, 123 और 64(2)(एम) शामिल हैं। पीड़िता का दावा है कि पाल ने उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया और घटना को छिपाने की धमकी दी। 7 सितंबर को मऊ के सीओ अंजनी कुमार पांडे ने बताया कि पाल के खिलाफ बलात्कार और मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। महिला ने बताया कि पेशे से वकील पाल ने 6 सितंबर को उसके चैंबर में घुसकर उस पर हमला किया और उसे पिछली घटनाओं के बारे में चुप रहने की धमकी दी। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है।मऊ पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज होने के बाद से वीरेंद्र बहादुर पाल फरार है।
यह मामला हाल के हफ्तों में सपा सदस्यों के खिलाफ़ लगे परेशान करने वाले आरोपों की श्रृंखला में शामिल हो गया है। इससे पहले, सपा नेता मोईद खान और राजू खान को अयोध्या में एक दलित नाबालिग के साथ बलात्कार और उसे गर्भवती करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। एक अन्य सपा कार्यकर्ता शाहबान को अयोध्या से ही दलित नाबालिग के साथ बलात्कार में शामिल होने के बाद यूपी पुलिस ने गिरफ़्तार किया था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के प्रतिनिधि रह चुके नवाब सिंह यादव को भी नाबालिग के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था और डीएनए साक्ष्य से इसकी पुष्टि हुई थी। ये घटनाएँ पिछले 50 दिनों के भीतर हुई हैं, जिसके परिणामस्वरूप बलात्कार के आरोप में चार सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी हुई है। वीरेंद्र बहादुर पाल का मामला ऐसी पाँचवीं घटना है।