सीकर : समाजसेवी अन्ना हजारे का आरक्षण के मुद्दे पर विवादित बयान आया है. उन्होंने कहा कि 'आजादी के बाद आरक्षण केवल कुछ समय के लिए था, लेकिन नेताओं ने इसे वोट का हथियार बना लिया है. इसलिए आज आरक्षण देश के लिए खतरा बन गया है और इसी वजह से देश बंटवारे की ओर बढ़ रहा है.' राजस्थान के सीकर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान हजारे ने कहा कि 'आज बीफ (गौमांस) पर इतना हो-हल्ला क्यों हो रहा है? इससे पहले क्यों ये मुद्दा किसी को नजर नहीं आया.' उन्होंने कहा 'यह सब नेताओं का किया धरा है. ये लोग देश में नफरत का माहौल बनाना चाहते हैं. जो देश के लिए गलत है.
हजारे ने मोदी सरकार पर कारोबारियों की हिमायती होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान में सरकार कारोबारियों के लिए काम कर रही है, जबकि किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं. बिहार चुनाव पर हजारे ने कहा कि बिहार में चाहे किसी कि सरकार आ जाए उनकी किस्मत नहीं बदलने वाली.
अन्ना ने एक सवाल के जवाब में कहा कि देश की स्थिति चिंताजनक है. किसी भी पार्टी को न तो देश की और न ही जनता की फिक्र है. ऐसे में जनता को खुद ही कुछ करना होगा. जनता के पास सबकी चाबी है. हजारे ने कहा कि सभी पार्टियों के नेता केवल देश के लोगों को भ्रम में रख रहे है. राजनेताओं ने हमेशा ही लोगों की समस्याओं का मजाक बनाया है.
अन्ना ने कहा कि संविधान में पार्टी आधार पर चुनाव लड़ने की कोई व्यवस्था नहीं है. लोकसभा के लिए 25 और राज्यसभा के लिए 30 वर्ष उम्र का प्रावधान है. पार्टी आधार पर नहीं, व्यक्तिगत चुनाव की व्यवस्था है. चुनाव आयोग को 1952 में ही पार्टी आधार पर चुनाव पर आपत्ति जतानी चाहिए थी.
बता दें कि अन्ना हजारे आज से सीकर में मतदान को लेकर लोगों को जागरुक बनाने के लिए व इसमें वे बैलेट पर चुनाव चिह्न हटाने की मांग को लिकर रैली करेंगे. इसके लिए देश भर में रैलियां की जाएंगी.