चंडीगढ़ : हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन सरकार के लिए सिरदर्द बना हुआ है। हालांकि सरकार ने जाटों के अल्टीमेटम को गंभीरता से लिया है। सरकार ने अराजक स्थिति और उपद्रव से निपटने के लिए अपनी ओर से पूरी तैयारी कर ली है। राज्य सरकार जाटों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र से बल की मांग भी कर रही है। इस दौरान राज्य के मंत्री अनिल विज ने कहा कि वे जाट आरक्षण बिल लेकर आऐंगे जिससे जाटों के साथ इस प्रदेश के लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने अपील की कि जाट इस तरह के अल्टीमेटम देना बंद कर दें।
अतिरिक्त गृह सचिव पीके दास द्वारा इस मामले में कहा गया कि सरकार पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि वे जाट आरक्षण बिल को बजट सत्र में पेश करेगी। उन्होंने जाटों को चेतावनी देते हुए कहा कि स्कूल और काॅलेज उन्होंने बंद कर दिए हैं। जिससे विद्यार्थियों को किसी भी तरह की तनावपूर्ण स्थिति में कोई नुकसान न हो। जाटों को नियंत्रित करने और अराजक हालात का सामना करने के लिए सुरक्षा बलों की कंपनियों को केंद्र सरकार से मांगा गया है।
गृहमंत्रालय द्वारा भी विशेष एक्ट लागू करने की अनुमति दे दी है। जिसके बाद आरोपियों पर रासुका की धाराऐं लगाई जा सकती हैं। हरियाणा सरकार ने बजट सत्र में जाट समुदाय को आरक्षण देने का भरोसा दिलाया है। जिसके बाद माना जा रहा है कि जाट अपने आंदोलन को लेकर उग्र नहीं होंगे और सरकार की बातें समझेंगे।