मुंबई: अनिल देशमुख केस में एक बार फिर से नया मोड़ आ गया है। आप सभी को बता दें कि ईडी की टीम बीते रविवार सुबह चार बजे ही नागपुर पहुंच गई और वहां से महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री व एनसीपी नेता अनिल देशमुख की खोज में उनके पैतृक आवास तक पहुंची। जी दरअसल अनिल देशमुख की कुछ पैतृक संपत्तियां नागपुर के पास काटोल और वडविहिरा गांव में हैं। ऐसे में ईडी की तीन से चार लोगों की टीम ने इन दोनों जगहों पर छापेमारी की, लेकिन इन जगहों पर ना अनिल देशमुख मिले और ना ही उनकी पत्नी आरती देशमुख मिलीं। आप सभी को बता दें कि अनिल देशमुख काटोल से विधायक हैं।
इसी को देखते हुए ईडी की छापेमारी के दौरान उनके काटोल और वडविहिरा के आवास के बाहर उनके समर्थक इकट्ठे हो गए और घोषणाबाजी करने लगे। वह सभी अपनी घोषणाबाजी में यह कह रहे थे कि जांच के नाम पर अनिल देशमुख का उत्पीड़न किया जा रहा है। केवल यही नहीं बल्कि समर्थक और भी कई नारे लगा रहे थे। इस दौरान ना तो अनिल देशमुख मिले और ना ही उनके परिवार का कोई सदस्य। आपको बता दें कि इस समय अनिल देशमुख मनी लॉन्ड्रिंग और 100 करोड़ की हफ्ता वसूली के केस में ईडी के राडार पर हैं। ऐसे में अब तक ईडी अनिल देशमुख को तीन बार समन भेज चुकी है।
केवल यही नहीं बल्कि अनिल देशमुख के बेटे हृषिकेश को भी समन भेजा जा चुका है। दोनों को ईडी के दक्षिण मुंबई स्थित जोनल ऑफिस में पूछताछ के लिए हाजिर होने का कहा गया, लेकिन पिता और पुत्र ने हर बार मना कर दिया। बीते हफ्ते अनिल देशमुख की पत्नी आरती देशमुख को भी समन भेजा गया लेकिन उन्होंने भी अधिक उम्र और तबीयत का बहाना देकर आने से मना कर दिया। इसी को देखते हुए ईडी ने बीते रविवार को अनिल देशमुख की तलाश में उनके दो ठिकानों पर स्थित पैतृक आवास पर छापेमारी की लेकिन वह न मिले और अब तो उनका फोन भी नॉट रिचेबल बता रहा है।
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