भिलाई: यह मामला डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन माना जा रहा हैं यहाँ मुख्य टिकट निरीक्षक ए लक्ष्मण राव की नजर टिकट चेकिंग के दौरान एक बच्चे पर पड़ी. वही बच्चे को अकेले देख निरीक्षक ने पूछताछ की. वही पूछताछ में बच्चे ने कहा कि वह अपने पिता की डांट से नाराज होकर घर छोड़कर जा रहा है. यह सुन कर निरीक्षक सोच में पड़ गए, फिर ए लक्ष्मण ने 11 साल के इस बच्चे को समझने की कोशिश की और उससे घर वापस जाने के लिए राजी किया. उस बच्चे को डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन में आरपीएफ को सौंपा गया.
बच्चे ने अपना नाम धीरज कारेमोरे और पिता का नाम उत्तम कारेमोरे बताया हैं. वह बच्चा महासमुंद का रहने वाला है. जब पुलिस ने बच्चे से अपने पिता की जानकारी मांगी तब बच्चे ने अपने पिता का नंबर बताया. इस नंबर की मदद से बच्चे के परिजनों से संपर्क किया जा सका. टिकट निरीक्षक ए लक्ष्मण राव की सावधानी के चलते एक बच्चों को उसके परिवार से मिलाया गया.
बच्चे ने कहा कि उसके पिता की जेब से कुछ रुपए कम मिले थे. जिसको लेकर उसके पिता ने उससे खूब डांटा था. इसी बात से बच्चा अपने पिता से नाराज था. वही धीरज ने नाराजगी में घर छोड़ने का फैसला ले लिया. गुस्से के चलते वह रेलवे स्टेशन आकर ट्रेन में जाकर बैठ गया. धीरज विशाखापटनम से निजामुद्दीन जा रही समता एक्सप्रेस में एसी कोच से लगे एस-1 स्लीपर कोच में बैठा था. आरपीएफ के जवानो ने धीरज को अब उसके परिजनों तक पंहुचा दिया गया हैं. टिकट निरीक्षक की सावधानी के कारण बच्चे को उसके परिवार से मिलाया गया.
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