नई दिल्लीः भारत में कुश्ती को लेकर कई फिल्म बन चुकी है। ये फिल्में सफल भी हो चुकी हैं। भारतीय रेसलिंग के लिए नियुक्त नए कोच एंड्रयू कुक ने देश की रेसलिंग को सुधारने के लिए ‘वैज्ञानिक तकनीक’ अपनाने की योजना बनाई है। भाषा के अवरोध के कारण कुक की शुरुआत धीमी रही मगर इस कोच ने कहा है कि उन्होंने भारतीय महिला पहलवानों से मजबूत रिश्ता बना लिया है।
भारतीय महिला टीम के विदेशी कोच कुक को भारतीय शैली अमेरिका से अलग लगती है मगर चीजों में आमूलचूल बदलाव लाने के लिए उन्हें कोई जल्दबाजी नहीं है. कुक का मानना है कि नयी शैली को अपनाना संगीत वाद्ययंत्र सीखने के समान है जो शुरुआत में रोचक और परफेक्ट नहीं लगता. कुक ने एक न्यूज एजेंंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘यहां चीजें अमेरिका से अलग हैं।
मैं जो सिखता हूं वह उससे काफी अलग शैली है जो वे अपने जीवन में कर रहे हैं. मैं रातों रात चीजों को बदलने का प्रयास नहीं करूंगा। कुक ने कहा कि, शुरुआत में मैं सिर्फ मुख्य चीजों पर ध्यान देना चाहता हूं. जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे वे मुझे समझने लगेंगे. मैं चाहता हूं कि हम अमेरिका, चीन और जापान को हरा पाएं. मैं चाहता हूं कि हम प्रत्येक टूर्नामेंट, प्रत्येक मैच जीतें।
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