कर्नूल: आंध्र प्रदेश के देवरगट्टू में दशहरे के दिन बन्नी उत्सव (लाठियों से एक दूसरे पर वार) ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया। जी दरअसल इस हिंसा में करीब 70 घायल हुए और 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है। आपको बता दें कि दशहरे के दिन आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले में हजारों लोग लाठियों से एक-दूसरे के सिर पर लाठियों से वार करते हैं, यह कार्यक्रम बन्नी उत्सव के नाम से मशहूर है। यह एक प्रथा है जो दशकों से चली आ रही है। आप सभी जानते ही होंगे कि भारत के हर राज्य में अलग-अलग संस्कृति देखने को मिलती है। इन्ही विविधताओं के बीच ऐसे कई रस्मों-रिवाज हैं जो चौकाने वाले हैं। इसी लिस्ट में आंध्र प्रदेश भी शामिल है, जहाँ दशहरे के उत्सव ने हिंसक रूप ले लिया।
यहाँ कर्नूल जिले के देवरगट्टू इलाके में दशहरे के दिन बन्नी उत्सव मनाया गया और इस आयोजन में लोग भगवान की मूर्ति को अपने साथ ले जाने के लिए छीना झपटी करते नजर आए। इस दौरान हर बार श्रद्धालु एक-दूसरे के सिर पर लाठियों से हमला करते हैं और इस बार भी ऐसा ही हुआ। इस साल भी दशहरे के दिन आंध्र प्रदेश पुलिस के काफी रोकथाम के बीच कोरोना महामारी के नियमों को धज्जियां उड़ाते हुए बड़ी धूमधाम से बन्नी उत्सव मनाया गया। रात के करीब 12 बजे माला मल्लेश्वर मंदिर में पूजा करने के बाद यह उत्सव शुरू हुआ और सुबह तक चला। इस प्रथा को मनाने के लिए 11 गांवों से हजारों लोग आए। सभी दो भागों में बंट गए और उसके बाद भगवान की मूर्ति को अपने साथ ले जाने के लिए छीना झपटी शुरू हुई। देखते ही देखते एक गुट दूसरे गुट के लोगों पर लाठियां बरसाने लगे।
इसके चलते डंडों से चोट लगने से करीब 70 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 4 की हालत गंभीर बताई जा रही है। मिली जानकारी के तहत घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। आपको बता दें कि बीते साल भी सरकार के बैन लगाने के बावजूद बन्नी उत्सव मनाया गया था, जिसमें करीब 50 लोग घायल हुए थे।
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