एमनेस्टी की रिपोर्टः भारत में असहिष्णुता काफी बढ़ रही है।
एमनेस्टी की रिपोर्टः भारत में असहिष्णुता काफी बढ़ रही है।
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नई दिल्ली: भारत में बढ़ती असहिष्णुता पर आज देश में ही नही बल्कि पूरे दुनिया में चर्चा की जा रही है। जिस तरह से भारतवासी धार्मिक हिंसा को बढ़ावा दे रहे है। इससे साफ हो रहा है कि भारत में असहिष्णुता काफी बढ़ रही है। और हांल ही में एमनेस्टी इंटरनेशल ने कहा है कि, भारत की सरकार आज कई बढ़ी से बढ़ी धार्मिक हिंसाओं की घटनाओं को रोकने में नाकाम दिख रही है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार
हांल ही हुई अर्तराष्ट्रीय मानवधिकार संस्था ने 2015-16 के लिए जारी रिपोर्ट में दुनिया में बढ़ रहें स्वतंत्रता के हनन और कई देशों की सरकार द्वारा मनमानी की जाने की प्रकिया पर एमनेस्टी ने चेतावनी दी है। इसमें भारत भी शमिल है और भारत को सर्तक करते हुए कहा है कि जिस तरह से भारत के कलाकरो, लेखको और वैज्ञानिकों ने राष्ट्रीय सम्मान वापिस किए इससे एक बात तो साफ हो रही है। कि भारत में असहिष्णुता का माहौल काफी जौर पकड़ रहा है। और इसे रोकना जरूरी है अन्यथा इसकी कीमत भारत को काफी ज्यादा देनी पडेगी। साथ में कहा कि भारत सरकार भी इस पक्ष में कुछ नही कर रही है, या फिर भारत सरकार की मनमर्जी चल रही है।

एमनेस्टी इंडिया के कार्यकारी निर्देशक आकार पटेल ने कहा, कि पिछले वर्ष जिस तरह से भारत सरकार ने मानवधिकार को अघात पहुंचाए है वह सही नही है। पर दमनकारियों के खिलाफ जिस तरह से भारत के उच्चतम न्यायालय ने जो फैसले लिये इस साफ हो गया है कि इस वर्ष मानवधिकारों के लिए काफी अच्छा सबित हो सकता है।

वही रिपोर्ट में बताया गया है कि 2014 में भारत में महिलाओं के खिलाफ लगभग 3,22,000 मामले दर्ज किए गयें। जिनमें से केवल 37 हजार मामले बलात्कार के थें। अभी भी कई राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए पुलिस का अभाव देखने को मिल रहा है। एमनेस्टी ने कहा कि भारत धार्मिक हिंसा की कई घटनाओं को रोक नही सका और कई घटनाए तो विफल हुई है। इसके पीछे भारत सरकार को ही दोषी करार दिया गया है |

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