अमिताभ ठाकुर जांच मामले में लोकायुक्त से जवाब तलब
अमिताभ ठाकुर जांच मामले में लोकायुक्त से जवाब तलब
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में इलाहबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने निलंबित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर के खिलाफ जांच के मामले में लोकायुक्त एवं राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। लोकायुक्त एन.के. महरोत्रा द्वारा अमिताभ के खिलाफ की गई जांच को नियम विरुद्ध बताने संबंधी अमिताभ की याचिका के तथ्यों को प्रथम दृष्टतया स्वीकार करते हुए न्यायालय ने यह आदेश दिया। अमिताभ ठाकुर को समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर धमकाने का आरोप लगाने के बाद निलंबित कर दिया गया था और उनके खिलाफ लोकायुक्त से शिकायत की गई थी।

इससे पहले ठाकुर ने खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ लोकायुक्त से शिकायत की थी। आईपीएस अमिताभ का कहना है कि मंत्री के खिलाफ शिकायत करने के कारण सपा प्रमुख ने उन्हें फोन पर धमकाया था। अमिताभ ठाकुर की पत्नी और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने बताया कि न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन और न्यायमूर्ति डी.के. उपाध्याय की खंडपीठ ने यह आदेश अमिताभ ठाकुर और लोकायुक्त के अधिवक्ता अनुपम महरोत्रा की दलील सुनने के बाद यह आदेश दिया। 

अमिताभ ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा था कि महरोत्रा ने न सिर्फ उप्र लोकायुक्त एक्ट 1975 की धारा 9(2), 9(3), 9(5) तथा 8(1) के विधिक प्रावधानों के विपरीत एक्ट की धारा 10(1)(क) में विधिविरुद्ध तरीके से जांच की, बल्कि तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर गलत तथ्य सार्वजनिक कर इसे अकारण सनसनीखेज बनाने का भी प्रयास किया। उन्होंने कहा था कि महरोत्रा ने व्यक्तिगत रंजिश से उनके माता-पिता और पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर के सिविल मामलों की भी सुनवाई की, जबकि वे एक्ट की धारा 8(4) में इसकी जांच नहीं कर सकते थे।

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