अमेरिकी राष्ट्रपति ने माँगा ऑटोग्राफ, तो एक प्रधानमंत्री ने छुए पैर, दुनियाभर में दिखा पीएम मोदी का क्रेज!
अमेरिकी राष्ट्रपति ने माँगा ऑटोग्राफ, तो एक प्रधानमंत्री ने छुए पैर, दुनियाभर में दिखा पीएम मोदी का क्रेज!
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नई दिल्ली: पापुआ न्यू गिनी के दौरे पर पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वहां तीसरे भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग (FIPIC) शिखर सम्मेलन में शामिल हुए. पापुआ न्यू गिनी के पीएम जेम्स मारापे के साथ सम्मेलन की सह अध्यक्षता करते हुए पीएम मोदी ने बोला है कि भारत को वह (जेम्स मारापे) एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में देख सकते हैं. उन्होंने मारापे को हरंसभव सहायता का विश्वास दिया. FIPIC की शुरूआत 2014 में मोदी की फिजी यात्रा के बीच हुई थी. यह शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब चीन इस क्षेत्र में अपने सैन्य और राजनयिक प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है.

दिया मदद का भरोसा: पापुआ न्यू गिनी के पीएम जेम्स मारापे के नाम पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने इस बारें में बोला है कि, 'भारत आपके डेवलेंपमेंट पार्टनर होने पर गर्व करता है. मानवीय सहायता हो या आपका विकास, इंडिया को आप भरोसेमंद पार्टनर के रूप में देख सकते हैं और उस पर भरोसा भी कर सकते है. हम बिना किसी संकोच के आपके साथ अपने अनुभव और क्षमताओं को साझा करने के लिए तैयार हैं. डिजिटल टेक्नोलॉजी हो या स्पेस टेक्नोलॉजी, हेल्थ सिक्योरिटी हो या फूड सिक्योरिटी, क्लाइमेट चेंज हो या अन्य, हम हर तरह से आपके साथ ही है.' बता दें कि पीएम मोदी के विमान से उतरते ही मेजबान देश के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने उनके पैर छुए। पीएम मोदी का यह स्वागत इसलिए भी खास है, क्योंकि पापुआ न्यू गिनी में कभी भी रात के समय किसी भी देश के नेता का स्वागत नहीं किया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए यह रिवाज बदल दिया गया।

 

 

प्रधानमंत्री ने इस बारें में बोला है कि आपकी तरह हम भी बहुपक्षवाद में भरोसा करते हैं और एक मुक्त, खुले और समावेशी इंडो-पैसिफिक का समर्थन करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने बोला कि सभी देशों की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करते हैं. ग्लोबल साउथ की आवाज भी यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में बुलंदी से उठनी चाहिए इसलिए इंटरनेशनल संस्थाओं का सुधार हमारी साझा प्राथमिकता होना जरुरी है.

कोविड महामारी का किया जिक्र: कोविड महामारी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने बोला है कि, 'कोरोना महामारी का  प्रभाव सबसे ज्यादा ग्लोबल साउथ के देशों पर देखने के लिए मिला. जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदा, भूख, गरीबी और स्वास्थ्य से जुड़ी बहुत चुनौतियां पहले से ही थीं, अब नई समस्याएं पैदा हो रही हैं...जिन्हें हम अपना विश्वसनीय मानते थे, पता चला कि जरूरत के समय वो हमारे साथ खड़े नहीं थे... मुझे खुशी है कि भारत मुश्किल की घड़ी में अपने पैसेफिक आइलैंड मित्रों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा.  इंडिया में बनी वैक्सीन हो या आवश्यकता की दवाईयां, गेहूं हो या चीनी, भारत अपनी क्षमताओं के मुताबिक सभी देशों की मदद करता रहा. जैसा मैने पहले भी बोला है कि मेरे लिए आप लार्ज ओसन कंट्री हैं, स्मॉल आइलैंड स्टेट्स नहीं.आपका यह महासागर ही आपको भारत को आपके साथ हो जोड़ रहा है.'

मारापे ने का शुक्रिया: पापुआ न्यू गिनी के पीएम जेम्स मारापे (FIPIC) ने कहा, 'हम सभी का इतिहास एक जैसा ही था. इतिहास ग्लोबल साउथ के देशों को एकजुट रखता है. द्विपक्षीय बैठक में मुझे आश्वस्त करने के लिए मैं आपको (प्रधानमंत्री मोदी) धन्यवाद देता हूं. भरोसा है कि इस साल जी20 की मेजबानी करते समय आप वैश्विक दक्षिण से संबंधित मुद्दों की पैरवी  करने वाले है.'

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