वॉशिंगटन : अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान की बिक्री किए जाने के मामले में पेंच बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी सांसद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहे है। सांसदों ने फरवरी माह में ही जॉन केरी को खत लिखकर कहा था कि ओबामा प्रशासन को अमेरिकी इनकम टैक्स पेयर के पैसों को पाकिस्तान पर खर्च न करें।
इस पर भारत पहले ही आपत्ति जता चुका है। लेकिन तब अमेरिका ने भारत की असहमति को यह कहते हुए शांत किया था कि एफ-16 से पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी। लेकिन अब जब स्वंय अमेरिकी सीनेट के दो शीर्ष सांसद सवाल उठा रहे है, तो अमेरिका अपने कदम से पीछे हट सकती है।
विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष बॉब कॉर्कर ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान हमेशा दोहरा रवैया अपनाता आय़ा है। वह अब भी तालिबान, हक्कानी नेटवर्क का समर्थन करता है। यहां तक कि अलकायदा जैसे आतंकी समूह भी पाकिस्तान की छत्रछाया में फलफूल रहे है। ऐसे में उसे लड़ाकू विमान देना सुरक्षित नहीं होगा। उधर सीनेटर पॉल रैंड ने पाकिस्तान को ऐसा देश कहा जो कभी दोस्त तो कभी दुश्मन बन जाता है।