वाॅशिंगटन। अमेरिका इस्लामिक स्टेट आॅफ इराक का सफाया करने में लगा है। जहां एक ओर सीरिया में अमेरिका बमबारी कर रहा है और आईएस के ठिकानों को नष्ट कर रहा है वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर सक्रिय आतंकियों और सोशल मीडिया के हैंडलर्स को चुन- चुनकर मारा जा रहा है। इस बात की जानकारी तब सामने आई जब अमेरिका ने आईएस के एक आतंकी जुनैद हुसैन पर शिकंजा कसा।
दरअसल जुनैद हुसैन आईएस के सोशल मीडिया और उसके आॅपरेशन्स पर ध्यान रखा करता था। जुनैद केवल इस्लामिक स्टेट आॅफ इराकी की सोश्यल मीडिया टीम का सर्वाधिक योग्य व्यक्ति था। जुनैद और उसके दल की सहायता से इस्लामिक स्टेट अपना नेटवर्क बढ़ाने में लगा था। इस तरह से वे नई भर्तियां करने में लगे रहते थे।
इस्लामिक स्टेट आॅफ इराक द्वारा सोशल मीडिया पर किए जाने वाला आतंकी प्रचार हुसैन नामक व्यक्ति ही देखा करता था। अमेरिका ने इस पर लगाम कसने के लिए ड्रोन्स का उपयोग किया। ड्रोन की टोह से अमेरिका इस आतंकी की जानकारी लेने लगा। जब जुनैद अकेला एक सायबर कैफे से बाहर निकला ऐसे में अमेरिकी ड्रेन अलर्ट थे और उन्होंने जुनैद को मार दिया।
जुनैद कम्प्युटर का और अंग्रेजी का अच्छा जानकार था। वह उन लोगों का नेतृत्व करता था जो आईएस में अंग्रेजी और कंप्युटर जानते थे। ये लोग आईएस को इंटरनेट के माध्यम से फैलाने मे लगे थे। जुनैद इंग्लैंड का ही निवासी था और आईएस के संपर्क में आकर आतंकी नेटवर्क से जुड़ गया था।
इस्लाम के ही खिलाफ कार्य कर रहा है इस्लामिक स्टेट आॅफ इराक
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