नई दिल्ली: भारत ने अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से जारी की गई उस रिपोर्ट को पूरी तरह से नकार दिया है जिसमें अल्पसंख्यकों को लक्ष्य बनाए जाने की बात कही गई थी. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि किसी भी विदेशी संस्था या सरकार को संविधान प्रदत्त अधिकारों से संरक्षित भारतीय नागरिकों को लेकर कोई ऐलान करने का अधिकार नहीं है.
इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि भारत को विदेशी रिपोर्ट में कोई सच्चाई नज़र नहीं आती है. भारत को अपनी धर्मनिरपेक्षता पर गर्व है. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक और बहुलतावादी समाज वाला देश है जो काफी समय से सहिष्णुता और समावेश के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. भारत का संविधान देश के सभी नागरिकों को उनके मूलभूत अधिकारों की गारंटी देता है, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय भी शामिल हैं.
रविश कुमार ने कहा है कि यह पूरी तरह से सर्वविदित है कि भारत एक ऐसा लोकतांत्रिक राष्ट्र है, जिसका संविधान सभी को धार्मिक स्वतंत्रता का संरक्षण देता है और लोकतांत्रिक सरकार धार्मिक गतिविधियों को संरक्षण और प्रोत्साहन देती है. कुमार ने कहा है कि, ‘‘ हम किसी भी विदेशी संस्था या सरकार को यह अधिकार प्रदान नहीं करते कि संवैधानिक रूप से मिले अधिकारों से संरक्षित हमारे नागरिकों को लेकर कोई ऐलान करे.
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