वॉशिंगटन : पाकिस्तान के बाद अब भारत को अमेरिका से मदद का पूरा भरोसा है और अमेरिका ने इसका आश्वासन भी दिया है। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलेमन हेडली ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपनी पहली गवाही में कहा कि मुंबई हमले से पहले भी दो बार कोशिश की गई थी। इसी बीच अमेरिका ने कहा है कि वो मुंबई हमले के दोषियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए भारत की मदद करेगा।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि हमले के जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का संकेत है। मुझे लगता है कि यह एक बार फिर भारत के लिए हमारे करीबी संबंधों का संकेत है। यह करीबी संबंध कानून प्रवर्तन के क्षेत्र में तो है ही अन्य सभी क्षेत्रों में भी है। किर्बी दरअसल पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकी हेडली की गवाही से जुड़े सवालों के जवाब दे रहे थे।
हेडली ने कल मुंबई की एक अदालत को अमेरिका से वीडियो लिंक के जरिए बताया था कि किस तरह उसके संगठन ने 26/11 हमलों की साजिश रची थी और किस तरह आतंकियों ने दो विफल प्रयासों के बाद इसे अंजाम दिया था। इसके साथ ही हेडली ने आईएसआई के तीन अधिकारियों का नाम लेते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की भूमिका की जानकारी दी।
मुंबई हमलों में भूमिका के चलते अमेरिका में 35 साल कारावास की सजा काट रहे हेडली ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद, लश्कर-ए-तैयबा के अन्य कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी और संगठन में अपने आका साजिद मीर की भूमिका पर भी बात की।