अमेरिका का चीन को पलटवार, लगातार कर रहा युद्ध का अभ्यास
अमेरिका का चीन को पलटवार, लगातार कर रहा युद्ध का अभ्यास
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वाशिंगटन: अमेरिका की नौसेना ने  विवादित दक्षिण चीन सागर में युद्ध का अभ्यास कर चीन को अपनी ताकत दिखाई.  जंहा इस युद्ध का अभ्यास समुद्री क्षेत्र में फिलीपींस, वियतनाम जैसे पड़ोसी मुल्कों पर धौंस जमा रहे चीन को अमेरिका से जबाव मिलने वाला है. अमेरिका की  नौसेना ने इस बारे में कहा कि उसके युद्धपोत यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन ने अन्य पोत और विमानवाहक पोत के द्वारा दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में युद्ध का अभ्यास कर रहे थे. वहीं आगे उन्होंने कहा कि अभ्यास का उद्देश्य हवाई रक्षा क्षमता बढ़ाने के साथ विमान वाहक पोत से लंबी दूर तक मार करने की क्षमता को अचूक करना है. जंहा इस बात का पता चला है कि चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करते है, जबकि पांच अन्य देशों ने इस पर अपना अधिकार का इलाका कहा जा रहा है. यहां से करीब पांच लाख करोड़ के सामान का हर वर्ष इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट का कार्य होता है.

चीन ने अमेरिकी अभ्यास की निंदा की: मिली जानकारी के मुताबिक आगे चीन ने कहा है कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि अभ्यास का असली मकसद कुछ और है और यह क्षेत्र में स्थिरता को बिगाड़ने की तैयारी कर कर रहा है.

अमेरिका ने किया था चीन पर पलटवार: वहीं अमेरिका की नौसेना ने ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट के आधार पर चीन पर पलट कर हमला किया. चीन के ग्लोबल टाइम्स ने एक ट्वीट में लिखा था, "चीन के पास DF-21D और DF-26 जैसे हथियारों की लंबी शृखंला मौजूद है. दक्षिण चीन सागर पूरी तरह से एलपीए की मुट्ठी में है. इस इलाके में किसी भी अमेरिकी एयरक्राफ्ट वाहक की गतिविधि से PLA खुश हो जाएगी: विशलेषक". चीन के इस दावे पर पलटवार करते हुए अमेरिकी नौसेना ने कहा, 'दक्षिणी चीन सागर में अमेरिकी नौसेना का दो विमान वाहक मौजूद हैं. #USSNimitz और #USSRonaldReagan भयभीत नहीं हैं.' आपको बता दें कि जवाब के साथ हैशटैग #AtOurDiscretion का उपयोग किया जा रहा है.

अमेरिका का रोनाल्ड रीगन और निमित्ज दक्षिणी चीन सागर में तैनात: अमेरिका ने अपने दो विमान वाहक को दक्षिणी चीन सागर में यूएसएस रोनॉल्ड रीगन और यूएसएस निमित्ज को सैन्य अभ्यास के लिए भेज चुका है. यह अभ्यास लंबे समय से नियोजित है, लेकिन चीन ने भी पैरासेल द्वीप समूह के पास सैन्य अभ्यास का आयोजन किया जाने वाले था, जिसकी अमेरिका और अन्य देशों द्वारा आलोचना की गई है. दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में दो परमाणु ऊर्जा से चलने वाले विमान वाहकों के अमेरिकी नौसेना के संचालन ने इसे और बल दिया है.  हांगकांग सहित कई क्षेत्रों में वाशिंगटन और बीजिंग के बीच तनाव और भी बढ़ने लगा है. 

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