मां का शव ले जाने के लिए नहीं मिली एंबुलेंस
मां का शव ले जाने के लिए नहीं मिली एंबुलेंस
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जाजपुर ​: ओडिशा के कालाहांडी में एक व्यक्ति दानामांझी द्वारा अपनी पत्नी के शव को कंधे पर रखकर अंतिम संस्कार के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर तक पैदल चलने का मामला अभी सुर्खियों से हटा ही था कि इस तरह का एक और मामला ओडिशा में सामने आया है। दरअसल यहां के जाजपुर जिला चिकित्सालय में एक आदिवासी महिला की मौत हो गई मौत के बाद उसके परिजन शव को ट्राॅली-रिक्शा से गांव तक ले गए।

तो दूसरी ओर रिक्शा पर शव ले जाने के पहले एंबुलेंस का इंतजाम करने का प्रयास किया गया मगर एंबुलेंस नहीं पहुंची। तब पुत्रों ने अपनी मां की पार्थिव देह को मोटरसाइकिल पर रखकर करीब 12 किलोमीटर का सफर तय किया। यह वाकया हुआ आदिवासी महिला पाना तिरिका 65 वर्ष के बेटों के साथ। दरअसल उसे पेट दर्द की परेशानी हुई तो उसे चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया। ऐसे में उनकी हालत बिगड़ गई।

उन्हें इलाज के लिए चिकित्सालय लाया गया। मगर जब यहां इलाज ठीक से नहीं हुआ तो फिर यहां से उन्हें कटक के एससीबी मेडिकल काॅलेज ले जाया गया। मगर रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। ऐसे में उनके शव को घर तक ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था का प्रयास उनके पुत्रों ने किया मगर उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली।

ऐसे में परिवार जैसे तैसे अपनी वृद्ध सदस्य का शव लेकर गया। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने बीते माह शव ले जाने हेतु निशुल्क वाहन सुविधा महाप्रयाण का प्रारंभ किया था मगर इसके बाद भी लोग परेशान हो रहे हैं और उन्हें इस सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है।

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