नई दिल्ली : नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की है। उन्होंने पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की तुलना में मौजूदा केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों की उपेक्षा किए जाने हेतु आरोप लगाया है। अमर्त्य सेन ने कहा कि पहले की केंद्र सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान दिया है। इस तरह क्षेत्र की उपेक्षा की गई। वर्तमान सरकार इसकी उपेक्षा करने में लगी है।
मिली जानकारी के अनुसार धार्मिकता के मसले पर उनके द्वारा कहा गया कि ऐसा नहीं है कि बीती सरकार अपने विचारों को लेकर एकपक्ष पर ही ध्यान दे रही थी मगर वह अधिक प्रत्यक्ष है। उन्होंने कहा कि देश के परमाणु विद्युत संयंत्रों से भविष्य में खतरा हो सकता है। उल्लेखनीय है कि अमत्र्य सेन एक बड़े अर्थशास्त्री माने जाते हैं। यूपीए के कार्यकाल के दौरान उन्हें नोबेल पुरस्कार मिला। हालांकि यह पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अर्थशास्त्र में उनके योगदान के लिए उन्हें मिला है।
दूसरी ओर यह भी माना जाता है कि उनका झुकाव कांग्रेस, धर्मनिरपेक्ष दलों और गांधीवादी शक्तियों की ओर अधिक रहता है और वे कथित तौर पर मानी जाने वाली सांप्रदायिक शक्तियों से दूरी बनाए रहते हैं मगर अपने इस वक्तव्य में उन्होंने निष्पक्षता से विचार रखे हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में मौजूदा सरकार ने अधिक ध्यान नहीं दिया है।