कांग्रेस से खिलाफत कर चुके शहजाद पूनावाला लगता है पार्टी को लगातार मुश्किलों में डालने का कोई भी मौका चूकना नहीं चाहते. राहुल गाँधी की ताजपोशी का लगातार विरोध करने के कारण पार्टी से निष्काषित शहजाद, हाथ धोकर राहुल गाँधी के पीछे पड़ गए है. वंशवाद का इल्जाम लगाते हुए, अध्यक्ष पद के लिए इलेक्शन नहीं सिलेक्शन की बात तक कह देने वाले शहजाद के छोटे भाई राबर्ट वाड्रा के बहनोई है. बावजूद इसके शहजाद सीधे तोर पर विरोध कर चुके है.
राहुल अपना नामांकन 4 दिसम्बर को भरेंगे, जिसके बाद उनका पार्टी प्रमुख बनना तय ही है. इसी बीच वरुण गाँधी के कांग्रेस में शामिल होने की बातें भी गरमाई हुई है, और उन्हें भी नम्बर दो की कुर्सी दी जाने की कयास लगाई जा रही है. शहजाद पार्टी से जुड़े अकेले नेता नहीं है, जिन्होंने आला कमान के ऊपर इस तरह के इल्ज़ाम लगाए हो. कांग्रेस लम्बे समय से अंतर्कलह से परेशान है.
गुजरात चुनाव के दौरान बीजेपी और अन्य विपक्षी इन बातो को मुद्दा बना कर राहुल को घेरने की हर मुमकिन कोशिश करते रहे है. शहजाद के टेप जारी करने वाली बात पर फ़िलहाल पार्टी ने चुप्पी साध रखी है. गुजरात चुनाव के मद्धेनजर पार्टी किसी भी तरह की बयानबाजी से बचना चाहती है.
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