प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के धर्मांतरण अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आज (7 जनवरी) इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अंतिम सुनवाई होगी. इस अध्यादेश को संविधान के खिलाफ और गैरजरूरी बताते हुए अदालत में चुनौती दी गई है. साथ ही अध्यादेश के गलत इस्तेमाल की भी आशंका इस याचिका में जताई गई है. हालांकि, यूपी सरकार ने अपने जवाब में कानून-व्यवस्था के लिए अध्यादेश को आवश्यक ठहराया है.
ऐसे में मुख्य न्यायाधीश के अध्यक्षता वाली डिविजन बेंच आज इस मामले में फैसला सुना सकती है. बता दें कि यूपी की योगी सरकार के धर्मांतरण अध्यादेश के खिलाफ तीन अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिस पर आज हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. इस याचिका पर यूपी सरकार ने 5 जनवरी को अपना जवाब दायर किया था. जिसमें सरकार ने कहा था कि कानून व्यवस्था को देखते हुए ये अध्यादेश लाया गया है.
धर्मांतरण अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं में अध्यादेश को संविधान के खिलाफ और अनावश्यक बताने के साथ इसके दुरुपयोग की भी आशंका जताई गई है. याचिकाकर्ता के अनुसार, इस अध्यादेश से एक समुदाय विशेष को टारगेट किया जा सकता है. फिलहाल, सुनवाई में याचिकाकर्ताओं को भी अपना पक्ष रखने का अवसर मिलेगा. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत अंतिम फैसला सुनाएगी. अदालत में दोपहर 12:00 बजे के आसपास मामले सुनवाई शुरू हो सकती है.
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