लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने CAA हिंसा में शामिल उपद्रवियों को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा रिकवरी नोटिस जारी करने के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी है. सोमवार को याचिका खारिज करते हुए खंडपीठ ने कहा कि मामला शीर्ष अदालत में विचाराधीन है, ऐसे में उच्च न्यायालय में याचिका का कोई औचित्य नहीं है.
न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह परमार ने मोहम्मद कलीम की याचिका पर यह फैसला सुनाया है. दरअसल, याचिकाकर्ता मोहम्मद कलीम ने योगी सरकार की तरफ से वसूली नोटिस जारी किए जाने के बाद इसे अदालत में चुनौती दी थी. दरअसल, योगी सरकार ने अलग-अलग शहरों में CAA विरोधी प्रदर्शनों के दौरान सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले प्रदर्शनकारियों को नोटिस दिया था.
आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में उग्र प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान सरकारी संपत्तियों को बहुत नुकसान पहुंचाया गया था. जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने नुकसान की भरपाई के लिए प्रदर्शनकारियों से वसूली करने के आदेश दिए थे.
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