लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार (8 फरवरी, 2022) को सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो को लेकर दर्ज की गई प्राथमिकी निरस्त करने से इनकार कर दिया। कथित तौर पर इस वीडियो में एक गुमनाम मौलाना ने हिंदुओं के खिलाफ घृणित और अभद्र बयान दिया था। मौलाना ने अपने बयान में कहा था कि ‘हज़रत आदम हिंदुओं के पिता’ हैं।
न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति अजय त्यागी की बेंच ने याचिकाकर्ताओं के इस दावे को खारिज कर दिया कि उनके खिलाफ आरोप फर्जी थे और ऐसा कोई वीडियो कभी जारी नहीं किया गया। अदालत ने कहा कि इस प्रकार के वायरल वीडियो में कोई आपत्तिजनक सामग्री है या नहीं, इसकी जाँच एजेंसियों द्वारा कराए जाने की आवश्यकता है, क्योंकि प्रथम दृष्टया यह अपराध की श्रेणी में आता है। मामले में महेश पांडे नाम के शख्स ने प्राथमिकी दर्ज करवाई थी।
उनकी शिकायत के आधार पर फ़ौरन याचिकाकर्ता शकील खान समेत कई लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। पांडे ने आरोप लगाया था कि 23 अक्टूबर, 2021 को फेसबुक चलाते वक़्त उनकी निगाह एक वीडियो पर पड़ी। इसमें एक मौलाना द्वारा हिंदू समुदाय के लोगों के खिलाफ भड़काऊ और अपमानजनक बयान दिए गए थे। पांडे के मुताबिक, उक्त वायरल वीडियो में, मौलाना ने कहा था कि ‘हज़रत आदम हिंदुओं के पिता हैं’। पांडे ने आरोप लगाते हुए कहा था कि इस प्रकार की टिप्पणियाँ उनके और अन्य हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाली हैं।
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