लोकसभा चुनाव: न्याय योजना को लेकर फंसी कांग्रेस, इलाहबाद हाई कोर्ट ने माँगा जवाब
लोकसभा चुनाव: न्याय योजना को लेकर फंसी कांग्रेस, इलाहबाद हाई कोर्ट ने माँगा जवाब
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प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कांग्रेस की न्यूनतम आय योजना (न्याय) को लेकर पार्टी को शुक्रवार को नोटिस भेजा है. इस जनहित याचिका में कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र से न्याय योजना के वादे को हटाने की मांग की गई है. न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की बेंच ने अधिवक्ता मोहित कुमार और अमित पांडेय द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया. अदालत ने कांग्रेस पार्टी और निर्वाचन आयोग को दो हफ्ते के भीतर अपने जवाब दायर करने का निर्देश दिया है. 

अदालत ने पूछा है कि इस तरह के ऐलान मतदाता को रिश्वत देने की कैटगरी में क्यों नहीं आती? क्यों न कांग्रेस के खिलाफ पाबंदी या दूसरी कोई कार्रवाई की जाए, अदालत ने इस मामले में निर्वाचन आयोग से भी जवाब मांगा, कांग्रेस पार्टी और चुनाव आयोग को जवाब दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है, अदालत ने माना कि इस तरह की घोषणा रिश्वतखोरी व वोटरों को प्रभावित करने का प्रयास किया है. 

याचिकाकर्ता का तर्क था कि चुनावी घोषणा पत्र में 72,000 रुपये वाली योजना का वादा रिश्वत के समान है और यह जन प्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है. एक सियासी पार्टी इस तरह का वादा नहीं कर सकती क्योंकि यह कानून और आचार संहिता का उल्लंघन है. इस याचिका में अदालत से निर्वाचन आयोग को निर्देश जारी कर कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र से इस योजना हटवाने का आग्रह किया गया है. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 13 मई निर्धारित की है. 

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