यूपी धर्मान्तरण कानून को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाएं इलाहबाद हाई कोर्ट में ख़ारिज
यूपी धर्मान्तरण कानून को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाएं इलाहबाद हाई कोर्ट में ख़ारिज
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लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूपी धर्मांतरण अध्यादेश को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं को ठुकरा दिया है. उच्च न्यायालय ने अध्यादेश के कानून बन जाने के आधार पर याचिकाएं खारिज कर दी हैं. अध्यादेश के कानून बन जाने के बाद अध्यादेश को चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं बनता. हालांकि, अदालत ने धर्मांतरण कानून पर राज्य सरकार से जवाब देने के लिए कहा है.

दरअसल, धर्मांतरण अध्यादेश को हाई कोर्ट में चार अलग-अलग याचिकाओं में चुनौती दी गई थी. अब यह कानून बन चुका है तो न्यायमूर्ति एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने याचिकाओं को ठुकरा दिया है. इसके साथ ही सरकार से धर्मांतरण कानून पर दाखिल याचिकाओं पर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 2 अगस्त को होगी. उल्लेखनीय है कि इसी साल फरवरी में उत्तर प्रदेश विधानसभा में धर्म परिवर्तन विधेयक पारित हो गया था. 

इस कानून के अनुसार, यदि आपने किसी के साथ जबरन धर्म परिवर्तन किया या करवाया तो इस विधेयक के अनुसार, 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही इस जुर्म में आपको 50 हजार रुपयों का जुर्माना भी देना होगा. धर्मांतरण कानून के अनुसार, यदि आप किसी का धर्म परिवर्तन कर रहे हो या फिर करवा रहे हो तो इसके लिए आपको पहले से आवेदन करना होगा और डीएम को इसके बारे में सूचित कर उनसे इसकी इजाजत लेनी होगी. 

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