विजयवाड़ा: राजधानी अमरावती के लिए 600 दिनों के आंदोलन के पूरा होने के मद्देनजर रविवार को विजयवाड़ा, अमरावती और तडेपल्ली को जोड़ने वाले मार्गों पर सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। अमरावती को राज्य की एकमात्र राजधानी के रूप में जारी रखने की मांग कर रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने सभी उपाय किए। पुलिस ने राजधानी अमरावती की ओर जाने वाले वाहनों की चेकिंग की। उन्होंने अमरावती की ओर जाने वाले लोगों से उनके वहां जाने के उद्देश्य और अन्य विवरणों के बारे में पूछताछ की।
पुलिस ने ऑटो, कारों, दोपहिया और अन्य वाहनों पर सुबह से ही निगरानी रखी और विभिन्न स्थानों पर राजधानी के गांवों में विरोध प्रदर्शन की उम्मीद में बैरिकेड्स लगाए। यहां यह याद किया जा सकता है कि अमरावती के राजधानी गांवों में किसान और अन्य लोग जारी थे। राजधानी को अमरावती से विजाग स्थानांतरित करने का विरोध 600 दिनों तक चला।
राज्य सरकार ने तीन राजधानियों का प्रस्ताव रखा था- विजाग में कार्यकारी राजधानी, कुरनूल में न्यायिक राजधानी और अमरावती में विधायी राजधानी। लेकिन किसान और अन्य ग्रामीण मांग कर रहे हैं कि कार्यकारी राजधानी अमरावती में ही जारी रखी जाए। किसानों ने राजधानी के स्थानांतरण के विरोध में कई बैठकें, विरोध प्रदर्शन और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए थे। विभिन्न जन संगठन और विपक्षी दल - भाकपा, सीपीएम, कांग्रेस और टीडीपी - तीन पूंजी फार्मूले का विरोध कर रहे हैं और जोर दे रहे हैं कि प्रशासनिक राजधानी को अमरावती में ही जारी रखा जाना चाहिए।
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