नई दिल्ली: देश में बीते कुछ समय से सियासी हलचल काफी बढ़ गई है इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के उस बयान पर हमला बोला है, जिसमें बताया गया है कि कृषि कानूनों के विरुद्ध आंदोलन के चलते जान गंवाने वालों अन्नदाताओं का कोई रिकॉर्ड नहीं है। लोकसभा में मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से प्रश्न पूछा गया था कि क्या सरकार का आंदोलन के चलते मारे गए अन्नदाताओं के परिवारों को मुआवजा देने का विचार है? इसके उत्तर में नरेंद्र तोमर ने कहा कि भारत सरकार के पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है।
राहुल गांधी ने इसी से संबंधित एक खबर को साझा करते हुए ट्वीट किया, “अपनों को खोने वालों के आंसुओं में सब रिकॉर्ड है। #FarmersProtest” केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरुद्ध दिल्ली की भिन्न-भिन्न बॉर्डर पर अन्नदाता बीते वर्ष 26 नवंबर से आंदोलन कर रहे हैं। इनमें मुख्य तौर पर पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्नदाता हैं।
वही कृषि मंत्री ने अपने उत्तर में यह भी बताया, “भारत सरकार ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के चलते उनसे निवेदन किया कि बच्चों तथा बुजुर्गों खास तौर पर महिलाओं को ठंड और कोरोना हालात को देखते हुए घर जाने की मंजूरी दी जाए। सरकार किसान संगठनों के साथ बातचीत के लिए हमेशा तैयार है।” किसान संगठनों ने इससे पूर्व मंगलवार को बताया था कि संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र के चलते जंतर-मंतर पर एक ‘किसान संसद’ का आयोजन करेंगे तथा 22 जुलाई से रोजाना सिंघू बॉर्डर से 200 प्रदर्शनकारी वहां पहुंचेंगे।
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