नई दिल्ली : भारत के पड़ोसी देश और बहुधा एक जैसी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाले नेपाल में नए संविधान को लेकर पैदा हुए गतिरोध पर नेपाल में भारत के राजदूत रंजीत राय ने सरकार को हालातों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि नेपाल में नए संविधान का विरोध भी किया गया लेकिन यह बात साफ है कि सभी को खुश नहीं किया जा सकता है। भारत द्वारा इस मसले पर नेपाल को कहा गया है कि धमकीमुक्त माहौल में सारे गतिरोध चर्चा से ही हल किए जा सकते हैं।
संविधान को लागू न करने को लेकर बार-बार दी गई सलाह को न मानने पर नेपाल से भारत द्वारा राजदूत को वापस बुला लिया गया था। विदेश मंत्रालय द्वारा बयान जारी कर कहा गया कि भारत ने नेपाली सीमा पर तनाव की स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है। नेपाली नेतृत्व में इन सभी क्षेत्रों से तनाव को हटाने की पहल भी सरकार द्वारा की गई थी।
उल्लेखनीय है कि नेपाल के नए संविधान के गठन के बाद माओवादी नेता प्रचंड ने कहा कि नेपाल भारत की हां में हां नहीं मिलाना चाहता। नेपाल भारत का अच्छा मित्र है। वह भारत की चिंताओं को दूर करने की तैयारी में तो है लेकिन भारत को भी अपनी ओर से पहल करना होगी।