आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो सभी देश- अंसारी
आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो सभी देश- अंसारी
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मंगोलिया: मंगोलिया की राजधानी में आयोजित 11वे एशिया यूरोप बैठक सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों से एकजुट होने की अपील की है. इस दौरान उन्होंने फ्रांस में हुए घातक ट्रक हमले की भी निंदा की और इसे दुर्भाग्य बताया. अंसारी ने कहा, ‘हम सभी के समाज आज आतंकवाद के हर स्वरूप से अभूतपूर्व खतरे का सामना कर रहे हैं। सबसे हालिया उदाहरण फ्रांस में हुई सबसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना का है।’ अंसारी ने कहा, ‘हमें इस खतरे से निपटने के लिए अर्थपूर्ण ढंग से सहयोग करने की जरूरत है। आइये आज आतंकवाद के साजिशकर्ताओं, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों के खिलाफ त्वरित कार्यवाही करके आतंकवाद के अभिशाप को मिटाने के लिए एकसाथ काम करने का संकल्प लें।’ 

सम्मेलन में कई यूरोपीय नेताओं ने हिस्सा लिया। जिसकी शुरुआत के पहले फ्रांस में मारे गए निर्दोष लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा गया. अंसारी ने कहा कि ‘संयुक्त राष्ट्र के संरक्षण में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि को शीघ्र स्वीकार किया जाना आज अनिवार्य हो गया है। मैं एएसईएम से इसे समर्थन देने की अपील करता हूं।’ अंसारी ने कहा, ‘एएसईएम आज एशिया और यूरोप के बीच एक गतिशील सेतु है। हमारे साझा प्रयास हमारे महाद्वीपों के बीच बहुपक्षीय संपर्क को बढ़ावा देते रहे हैं। इसलिए एएसईएम 11 की थीम ‘एएसईएम के 20 साल: संपर्क के जरिए भविष्य के लिए साझेदारी’ उपयुक्त है।’ उन्होंने कहा कि विकास के लिए, लोगों के जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए, लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए, व्यापार एवं निवेश को बढ़ाने के लिए और निश्चित तौर पर शांति, स्थिरता एवं सुरक्षा के लिए संपर्क मददगार है।

- साझेदारी बनाने का रखा प्रस्ताव: 
अंसारी ने कहा की हमारे व्यवसायिक समुदायों, हमारे विश्वविद्यालयों, सांस्कृतिक एवं नागरिक समाज के संगठनों के बीच साझेदारी के तंत्र बनाएं। इस सबसे ऊपर यह है कि शांति और सद्भाव का साझा मंच बनाने के लिए दिल और दिमाग के संबंध बनाए जाएं। हमारा मेजबान मंगोलिया, लोकतांत्रिक अनुभव का हालिया और सफल उदाहरण है और हम उन्हें उनकी सफलता पर बधाई देते हैं।’ उपराष्ट्रपति ने कहा कि एएसईएम अपने तीसरे दशक में कदम रख रहा है । यह हम पर निर्भर है कि हम एएसईएम का एक जिम्मेदार और सकारात्मक मंच होना सुनिश्चित करें। 

- एएसईएम  पर जताया विश्वास 
इस दौरान अंसारी ने एएसईएम पर विश्वास जताया और कहा की इसे अब ठोस कदम की और बढ़ना चाहिए. इस दिशा में एक शुरूआत नवंबर 2013 में नई दिल्ली में विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान की गई थी। भारत इस दिशा में एक रचनात्मक सहयोगी बना रहेगा। उन्होंने कहा, ‘जब हम आगे की तरफ देखते हैं तो एएसईएम की कुछ ताकतें दिखती हैं। ये ताकतें इसकी सदस्यता में विविधता, इसकी क्षमताओं का सह-समन्वय, राजनीतिक नेतृत्व की ताकत, इसकी अर्थव्यवस्थाओं की मजबूती हैं। ये ताकतें इसके तीसरे दशक के लक्ष्य में झलकनी चाहिए।’ अंसारी ने कहा कि उन्हें इस बात का यकीन है कि एएसईएम के सभी सदस्य एकसाथ मिलकर हमारे देशों एवं क्षेत्रों की साझा शांति, प्रगति एवं समृद्धि को बढ़ाने के लिए दो गतिशील महाद्वीपों- एशिया एवं यूरोप की साझा क्षमताओं को भुनाने की इस समूह की भूमिका को बढ़ाएंगे।

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