गजल, कव्वाली है अली फजल के बचपन की धुन
गजल, कव्वाली है अली फजल के बचपन की धुन
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हाल ही में बॉलीवुड के बहुत ही बिंदास मिजाज रखने वाले अभिनेता अली फजल ने बहुत सी बाते की. आपको बता दें कि वह लखनऊ से ताल्लुक रखते हैं और इसके चलते वह गजल के बारे में बारीकियों को सीखते रहे हैं. ऐसे में संयोगवश अली के चाचा रिजवान सईद ने उन्हें प्रख्यात भारतीय कव्वाल हबीब पेंटर से भी मिलवाया था. वहीं अभी कुछ दिन पहले अभिनेता ने दिवंगत कलाकार पेंटर के एक पुराने वीडियो को भी साझा किया था, जिसमें वह कव्वाली 'बहुत कठिन है डगर पनघट की' पर अपनी प्रस्तुति देते नजर आ रहे हैं.

जी दरअसल अली का कहना है, "अपनी विरासत को जिंदा रखने की जिम्मेदारी हम पर है. आज जब रीमिक्स और रीमेक पर इतनी चर्चाएं होती हैं, तो मुझे लगता है कि हमें अपने संगीत के जड़ों को पुन: ढूंढ़ने और खुद को अपने समृद्ध संगीतमय विरासत की याद दिलाने की आवश्यकता है."

इसी के साथ उनका कहना, "मुझे गजल बेहद पसंद है और इनमें से कुछ मेरे दिल के बहुत करीब भी है. जिस गीत को मैंने पोस्ट किया था, वह एक बेहतरीन गाना है, जो आज के समय में भी प्रासंगिक है. संगीत के प्रति बचपन से मेरा जुड़ाव रहा है. लखनऊ में बड़े होने के दौरान, मुझे याद है कि मेरे दादा-दादी तरह-तरह के बेहतरीन गजल और कव्वाली सुना करते थे. मुझे पता है कि इन खूबसूरत गीतों को अपने दिल के करीब रखने की जिम्मेदारी हम पर है. मेरे चाचा एक संगीत प्रेमी व कलाकार हैं और वह मुझे अकसर ये गाने भेजा करते हैं, जो मेरे दिन को खुशनुमा बना देता है."

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