नई दिल्लीः अफगानिस्तान में एक अमेरिकी एयरस्ट्राइक में अलकायदा के भारतीय उपमहाद्वीप का कमाडर सनाउल उर्फ आसिम उमर हक मारा गया। वह उत्तर प्रदेश के संभल के मोहल्ला दीप सराय का रहने वाला था। सनाउल 015 से ही सुरक्षाबलों की सूची में मोस्ट वांटेड के तौर पर उसका नाम दर्ज था। अलकायदा के सरगना अयमान अल-जवाहिरी ने उसे अलकायदा कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी थी। स्थानीय निवासियों के मुताबिक सनाउल का परिवार एक समय क्षेत्र का बहुत प्रतिष्ठित परिवार हुआ करता था। उसके दादा गांव के मुखिया थे।
वहीं उसके पूर्वज स्वतंत्रता सेनानी और परदादा ब्रिटिश राज के दौरान जिला मजिस्ट्रेट थे। हक का भाई रिजवान संभल में अध्यापक है। रिजवान ने बताया, हमें मंगलवार को स्थानीय खुफिया अधिकारियों ने उसकी मौत के बारे में बताया। यह हमारे लिए कोई चौंकाने वाली बात नहीं थी। वह 1998 में 18 साल की उम्र में हमें छोड़कर चला गया था और उसके बाद से हमारी उससे कभी बात नहीं हुई।' टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इरफान उल हक और रुकैया का बेटा जो इस इलाके में कुछ साल पहले तक रहा करता था, उसे अल-जवाहिरी ने 2010 में अलकायदा का कमांडर बनाया था। सनाउल की 70 साल की मां रुकैया ने बताया, 'हमारे लिए वह 2009 में मर गया था।
जब खुफिया अधिकारियों ने हमें बताया कि वह आतंकी संगठन में शामिल हो गया है।' 2009 में खुफिया एजेंट संभल में स्थित उनके घर पहुंचे ताकि परिवार को बता सकें कि उनका बेटा जिसे वह मृत समझ रहे थे, वह हकीकत में आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान और अल-कायदा के लिए काम कर रहा है। हक के पिता जो उस समय 75 साल के थे उन्होंने तुरंत स्थानीय अखबारों में विज्ञापन छपवाकर खुद को उससे अलग कर लिया। उनकी 2017 में मौत हो गई और इसके बाद उनके दो बेटों को पूछताछ के लिए खुफिया अधिकारियों ने उठा लिया। रुकैया ने हमेशा के लिए मोहल्ला दीप सराय को हमेशा के लिए छोड़ दिया। वह दिल्ली में रहने लगीं।
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