संसद में कांग्रेस को बुरी तरह लपेट गए अखिलेश यादव, याद दिला दी पुरानी गलतियां..!

संसद में कांग्रेस को बुरी तरह लपेट गए अखिलेश यादव, याद दिला दी पुरानी गलतियां..!
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लखनऊ: राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। इसमें कभी दोस्त बनने पर एक दूसरे के पाप छुपा दिए जाते हैं, तो कभी दुश्मनी होने पर पुराने मुर्दे भी उठाकर फिर से खड़े कर दिए जाते हैं । आज सोमवार (4 फ़रवरी) को समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और पार्टी सांसद अखिलेश यादव ने जो भाषण दिया, उसमे इसका उदाहरण बखूबी दिखा। अखिलेश यादव का निशाना तो भाजपा पर था, लेकिन इशारों ही इशारों में उन्होंने कांग्रेस को भी जमकर लपेटा। ये दर्शाता है कि सपा और कांग्रेस के बीच अब वैसा रिश्ता नहीं रहा, जैसा कुछ समय पहले लोकसभा चुनाव में दिख रहा था। अब भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव, अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) को सपोर्ट कर रहे हैं और राहुल गांधी को घांस भी नहीं डाल रहे हैं। 

सियासी जानकारों का मानना है कि अखिलेश मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में कांग्रेस द्वारा किए गए अपमान का बदला ले रहे रहे हैं। इन दोनों राज्यों में अखिलेश ने काफी कोशिश की थी कि कांग्रेस उन्हें गठबंधन साथी होने के नाते कुछ सीटें दे, लेकिन कथित तौर पर कांग्रेस अपने अहंकार में चूर थी और उसने सपा को अनदेखा कर दिया। जिसका नतीजा अखिलेश की बयानबाज़ी में दिख रहा है। MP चुनाव में तो अखिलेश ने यहाँ तक कह दिया था कि कांग्रेस बहुत चालु पार्टी है, उसने हमें नहीं छोड़ा तो तुम्हे (जनता को) क्या छोड़ेगी?  बहरहाल, अखिलेश के संसद में दिए गए बयान से ये साबित हो रहा है कि उनका कांग्रेस के प्रति गुस्सा अब भी ख़त्म नहीं हुआ है। 

सपा सांसद ने आज संसद में कहा कि एक समय में हम लोगों ने चीन के हाथों लाखों लाख एकड़ की जमीन खोई थी और अब उसी रास्ते पर भाजपा चल रही है. और भाजपा मान भी नहीं रही है कि चीन ने कब्जा किया है. अखिलेश ने कहा कि, जो अखबारों में खबरें निकलती है, तो सरकार को कहिए ऐसे चैनलों के खिलाफ FIR दर्ज करे. अखिलेश दरअसल, चुनौती दे रहे थे कि अगर अख़बार कि खबरें झूठीं हैं, तो उनके खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए। किन्तु उन्होंने इस दौरान ये भी याद दिला दिया कि अतीत में भारत ने चीन के हाथों जमीन गंवाई है। ये नेहरू सरकार के दौरान का किस्सा है, जब चीन ने  भारत का बड़ा क्षेत्रफल कब्जा लिया था और संसद में पीएम  जवाहरलाल नेहरू ने कब्जाई हुई जमीन को लेकर कहा था कि वो तो बंजर जमीन थी, वहां कुछ उगता ही नहीं था। इस बयान को आज भी संसद में सबसे शर्मनाक बयान माना जाता है। इस पर सांसद महावीर त्यागी ने अपना गंजा सर दिखाते हुए कहा था कि मेरा सर भी बंजर है, क्या इसे भी चीन को दे दूँ ? इसका जवाब नेहरू नहीं दे पाए थे। अब अखिलेश ने कांग्रेस की उसी दुखती रग पर हाथ रख दिया है। 

इसके अलावा उन्होंने जातिगत जनगणना को लेकर भी कांग्रेस पर हमला बोला। अखिलेश ने कहा कि एक समय था जब कांग्रेस जातिगत जनगणना का विरोध करती थी, अब वही इसके समर्थन में है। दरअसल, इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी ने जातिगत जनगणना का विरोध किया था, किन्तु अब लगातार तीन लोकसभा चुनाव हार चुके राहुल गांधी इसी को मुद्दा बनाकर वादे कर रहे हैं, उनके हर भाषण में जाति शब्द अक्सर सुनने को मिलता है है।  ये एजेंडा कुछ कुछ प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) से मिलता जुलता है। दरअसल, जब बिहार पुलिस ने फुलवारी शरीफ में PFI के ठिकानों पर रेड मारी थी, तब उन्हें कुछ दस्तावेज़ मिले थे, जिसमे 2047 तक भारत को इस्लामी मुल्क बनाने की साजिश थी। इसमें बताया गया था कि, हिन्दुओं में फूट डालकर SC/ST और OBC वर्ग को मुस्लिमों के साथ जोड़ना है और उनके वोट लेकर सत्ता पर काबिज होना है। क्या राहुल के बयानों में यही बात नहीं दिखती ? मुस्लिम वोट तो कांग्रेस के साथ है ही, अब वो जाति को बातें करके हिन्दू समुदाय में फूट डालना चाहती है, जैसा कि PFI की साजिश है। अब कांग्रेस को PFI की साजिश का पता है या नहीं, इसकी तो पुष्टि कांग्रेस ही कर सकती है, किन्तु वो उसी प्लान पर काम करती नज़र आती है। 

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