त्वरित टिप्पणी.....अब तुम्हारा क्या होगा अखिलेश !
त्वरित टिप्पणी.....अब तुम्हारा क्या होगा अखिलेश !
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लो....! मुलायम सिंह ने अपने बेटे को समाजवादी पार्टी से बाहर कर दिया...बाहर भी पूरे के पूरे 6 वर्षो हेतु....। अखिलेश के साथ मुलायम ने रामगोपाल यादव को भी बाहर कर दिया है....कुल मिलाकर यूपी की राजनीति के मैदान पर एक बार फिर सपा का दंगल शुरू हो गया है....हे अखिलेश अब तुम्हारा क्या होगा....! ये हम नहीं कह रहे है, बल्कि विपक्ष के लोग सोच रहे होंगे...।

बेटा अखिलेश...बाप तो बाप ही होता है...तुम्हारी हरकतों को आखिर कब तक पचायेगा...फिर भले ही तुम्हें मुख्यमंत्री के पद पर काबिज कर मुलायम सिंह ने अपने पिता होने का फर्ज निभाया हो। मुलायम सिंह द्वारा रामगोपाल यादव को पार्टी से बाहर निकालने का मामला तो समझ में आता है, लेकिन वे अपने बेटे को भी इतना कठोर दंड दे देंगे, इस बात से स्वयं अखिलेश ही क्या उनसे हर दम चिपके रहने वाले समर्थक भी चकरघिन्नी हो गये होंगे या फिर अखिलेश को भी इतनी उम्मीद नहीं होगी कि उनके पिता उनकी जगह अपनी पार्टी या उसके अनुशासन को प्राथमिकता देंगे।

खैर अखिलेश का राजनीतिक भविष्य अब क्या होगा, यह तो हाल फिलहाल भविष्य के गर्त में है, परंतु अखिलेश या उनके पिता के विरोधी जरूर मौजूदा स्थिति को देखकर मिठाई बांट रहे होंगे कि चलो अच्छा हुआ...आपस में भिड़ने दो....मजा आ गया....!

खिल गई होगी बीजेपी की बांछे.....

सपा कुनबे में यह पहली बार नहीं हुआ होगा जब अंदर के आपसी पंगे सार्वजनिक हुये हो। रामगोपाल तो ठीक है लेकिन अखिलेश पर गिरी निष्कासन की गाज के बाद बीजेपी की बांछे जरूर खिल गई होगी....! जिस तरह से बीजेपी अभी पाॅवर में है, उस कारण वह हर हालत में यूपी की सत्ता पर काबिज होना चाहती है और वह साम दाम दण्ड भेद हर तरह से चुनाव लड़कर जीतने के मंसूबे पाले होगी, इसमें कोई दो राय नहीं हो सकती। जिस तरह से शुक्रवार को स्थिति निर्मित हुई है उससे बीजेपी को अपनी राह आसान होती जरूर नजर आ रही होगी। 

अलग या फिर कांगे्रस का थामेंगे दामन....

मुख्यमंत्री रहते हुये अखिलेश यादव ने कांग्रेस से गठबंधन करने की बात जोर-शोर से कही थी, लेकिन अब इस बात के भी चर्चे जरूर होने लगेंगे कि अखिलेश यादव अपने समर्थकों के साथ अलग से चुनाव लड़ेंगे या फिर कांग्रेस का दामन थामकर चुनावी मैदान में उतरेंगे। वैसे बीच में यह अटकल भी थी कि अखिलेश, कांग्रेस में शामिल हो सकते है...! वैसे भी कांग्रेस यह चाहती है कि वह सपा जैसे बड़े राजनीतिक दल के साथ मिलकर ही यूपी चुनाव में उतरे, ताकि बीजेपी को परास्त किया जा सके।

फेमस हो गया ’यूपी का दंगल’

टिकट बंटवारे के बाद बाप बेटे में दुश्मनों से रिश्ते कायम हो गये....लब्बोलुआब जैसे-जैसे मामला गर्म होता गया....वैसे-वैसे यूपी का यह ’समाजवादी दंगल’ देश भर में फेमस होता चला गया....। विशेषकर राजनीतिक दलों को तो मजा आ गया होगा। फिलहाल अखिलेश मुख्यमंत्री बने रहेंगे या नहीं, इस बात का तो पता नहीं लेकिन मुलायम ने यह जरूर साबित कर दिया है कि वे ’घाघ राजनीतिज्ञ’ है.....! तो फिर क्या बाप और क्या बेटा....!            

                                                                                         - शीतलकुमार ’अक्षय’

 

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