रायपुर : छतीसगढ़ में कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कांग्रेस से विदा लेने का फैसला किया है। 6 जून को जोगी मारवाही में अपनी नई क्षेत्रीय पार्टी के नाम की घोषणा के साथ ही कांग्रेस से इस्तीफा देने की भी घोषणा करेंगे। इस दौरान उनके साथ उनका विधायक बेटा और विधायक बहू समेत पूरा जोगी परिवार मौजूद रहेगा।
वो इस कोशिश में है कि पार्टी छोड़ने वो अपने 25 हजार समर्थकों के साथ जाएं। इन सभी लोगों के समक्ष वो एक जनसभा में कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करना चाहते है। साथ ही वो एक क्षेत्रीय दल बनाने की भी घोषणा करना चाहते है। एक चैनल को दिए इंटरव्यू में जोगी ने कहा कि मैं यह निर्णय अपने समर्तकों की मांग पर ले रहा हूं।
उन्होने माना कि अब कांग्रेस पहले जैसी नहीं रही। राज्य स्तर के नेताओं की कोई वहां सुनने वाला नहीं है। जोगी ने कहा कि मैं कोई भी फैसला मारवाही की जनता से पूछ कर ही लेता हूं। इसलिए मरवाही में एक बैठक बुलाकर अपने 1500 खास लोगों से पहले सलाह लूंगा। भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव रमन सिंह की सरकार को नहीं हरा सकते हैं इस लिए मुझे आगे आना होगा।
जोगी ने कहा कि मैं विधायक केंद्रित राजनीति नही करना चाहता। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस बारे में मैंने सब बता दिया है, अब दिल्ली नहीं जाऊंगा। राहुल गांधी की अध्यक्ष के रुप में ताजपोशी होने की खबर पर जोगी ने कहा कि बड़े लोगों की बड़ी बात है, मैं तो छोटा आदमी हूं। नई पार्टी का नाम और झंडा भी जोगी मारवाही के लोगों से पूछ कर ही तय करेंगे।
सीएम रमन सिंह पर आरोप लगाते हुए जोगी ने कहा कि उन्होने राज्य का सबकुछ लूट लिया है। लोहा, खनिज, पानी सब बेच दिया है। बता दें कि हाल ही में जोगी ने छतीसगढ़ से राज्यसभा सीट के लिए भी दावेदारी पेश की थी, लेकिन टिकट तो दूर कांग्रेस ने उन्हें प्रत्याशी घोषित करने से भी मना कर दिया।
इस वर्ष की शुरुआत में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उनके विधायक पुत्र अमित जोगी को अंतागढ़ टेपकांड मामले में दोषी मानकर पार्टी की सदस्ता से निष्कासित कर दिया था। वहीं अजीत जोगी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित करने की अनुशंसा की गई थी। जोगी की बहू डॉ रेणू जोगी कांग्रेस की विधायक है।