काठमांडू : नेपाल में आये भयानक भूकंप का जायजा लेने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव एस. जयशंकर आज नेपाल गए थे यहाँ इन्होने विनाशकारी भूकंप के बाद राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया और देश के कई हिस्सों में भोजन, दवा एवं तंबू से वंचित लोगों के बीच त्वरित राहत सामग्री वितरण की अपील की। डोभाल और जयशंकर ने शुक्रवार को नेपाल में व्यापक नुकसान वाले इलाकों सिंधुपालचौक एवं गोरखा का हवाई सर्वेक्षण किया और कहा कि तलाशी और बचाव अभियान सुदूर इलाकों में प्राथमिकता के स्तर पर चलाया जाना चाहिए। डोभाल ने बचाव अभियान एवं राहत सामग्री वितरण की प्रशंसा करते हुए कहा कि पीड़ितों के पास राहत सामग्री समय पर पहुंचनी चाहिए, दोनों अधिकारियों ने नेपाल में राहत अभियान में जुटे भारतीय दल को निर्देश दिया कि बचाव एवं राहत अभियान जोर-शोर से चलाया जाए, उन्होंने कहा, "हमने हवाई सर्वेक्षण किया और इससे पता चला कि व्यापक क्षति हुई है। लेकिन भारतीय और नेपाली सेना बचाव अभियान अच्छे से चला रही है।"
नेपाल में आये विनाशकारी भूकंप में पीडितो के लिए भारत ने नेपाल में 'आपरेशन मैत्री' शुरू किया है जिसके तहत 280 टन राहत सामग्री मुहैया कराई गई है। इसमें पेयजल, दूध, बिस्किट, नूडल्स, आवश्यक दवाएं, तंबू, कंबल, तिरपाल एवं प्लास्टिक चादरें शामिल हैं, भारतीय वायुसेना व भारतीय सेना ने चिकित्सा, अभियांत्रिकी उपकरण, आपदा राहत दल, दवाएं, खाद्य पदार्थ तथा अन्य राहत सामग्रियों से आपदाग्रस्त देश की मदद की, इस अभियान के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर 3, आईएल-76, सी130जे सुपर हरक्युलस तथा एएन-32 विमानों की मदद ली गई। सेना तथा वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी नेपाल में राहत अभियान में हिस्सा ले रहे हैं।
हेलीकॉप्टरों की सहायता से भूकंप में फंसे लोगों को बचाने तथा राहत सामग्री पहुंचाने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा नेपाल की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्य सड़क मार्ग के जरिए बचाव एवं राहत सामग्री में मदद कर रहे हैं, भारत ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 16 दल भेजे हैं जो नेपाली एजेंसी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। अब तक 11 लोगों की जान बचा चुके हैं और 121 शवों को मलबों में से निकाल चुके हैं। एनडीआरएफ ने काठमांडू, पाटन, भक्तपुर, स्वयंभू और धरहरा टॉवर पर बचाव अभियान चलाया है।
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