ना हुई लोकपाल की नियुक्ति और ना आया लोकपाल बिल : अजय माकन
ना हुई लोकपाल की नियुक्ति और ना आया लोकपाल बिल : अजय माकन
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नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में सियासत गरमायी हुई है और आये दिन धरने, हड़ताल और प्रदर्शन देखे जा सकते है. अब कांग्रेस सरकार आप के विरोध में जमकर हल्ला बोल रही है. इसकी वजह है दिल्ली में लोकायुक्त की नियुक्ति न होने और केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोपों का सामने आना है. कांग्रेस ने प्रदर्शन के बाद अपने साथ ली हुई एक खाली कुर्सी पर अपना ज्ञापन रखा. इस ज्ञापन को लोकायुक्त कार्यालय में मंगलवार को भेजा जाएगा क्योंकि पुलिस ने पानी की बौछार करके प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया था.

प्रदेश कार्यालय पर कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता एकत्रित हुए. इनमें प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के साथ ही पूर्व सांसद महाबल मिश्रा, मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी, पूर्व एमएलए नरेंद्र नाथ, हरीशंकर गुप्ता, अनिल भारद्वाज, भीष्म शर्मा, नीरज बसोया, देवेंद्र यादव, अमरीश गौतम, जगप्रवेश कुमार, एमसीडी के नेता मुकेश गोयल, फरहाद सूरी, वरयाम कौर, वीरेंद्र कसाना, चतर सिंह, जयकिशन शर्मा और रमेश दत्ता आदि कार्यकता उपस्थित हुए है.

प्रदर्शन के दौरान अजय माकन ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने 49 दिन में ही सरकार से लोकपाल के नाम पर अपना त्याग पत्र सौप दिया था. लेकिन चार महीने बाद भी आप सरकार ने ना तो दिल्ली में लोकायुक्त नियुक्त और ना ही लोकपाल बिल पर कोई विचार किया गया.

इस पद पर  2013 से किसी को नियुक्त नहीं किया गया है. इसकी वजह यह है कि इस सरकार खुद कानून के नियमो का पालन नहीं कर रही है और नियुक्ति होने पर उन सभी के ऊपर भी मुसीबतो के बादल मंडराने लगेंगे. ऐसे 30 एमएलए हैं और कई एमएलए को जेल की हवा खानी पड़ सकती है.

अजय माकन ने कहा कि 21 एमएलए को संसदीय सचिव नियुक्त कर सभी सुविधाये प्रदान की गयी और उन्हें सुविधाएं देने का बिल बाद में पास हुआ. यह मामला कोर्ट में ले जाया गया है. माकन ने आरोप लगाया कि सरकार अपनी सुविधाओ पर 526 करोड़ रुपये खर्च कर रही है और बुजुर्गों, विकलांगों और विधवाओं की पेंशन सुविधा सरकार ने बंद कर दी है. सरकारी धन के गलत प्रयोग का एक उदाहरण यह भी है कि 200 आप कार्यकर्ताओं की लाखों रुपये के वेतन पर नियुक्ति की गयी है और पीडब्ल्यूडी और जल बोर्ड के लिए अभी तक कोई बजट पेश किया गया है.

दिल्ली के प्रभारी पी.सी. चाको ने भी इस सम्बन्ध में कहा कि लोकायुक्त की नियुक्ति इसलिए नहीं की जा रही कि आप एमएलए के खिलाफ कार्रवाई प्रारम्भ हो जायेगी और जितेंद्र तोमर की तरह कुछ और एमएलए को भी जेल की हवा खाने की नौबत आ सकती है.

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