ओलंपिक एसोसिएशन के लाइफ प्रेसिडेंट को लेकर मचा बवाल
ओलंपिक एसोसिएशन के लाइफ प्रेसिडेंट को लेकर मचा बवाल
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नई दिल्ली : पूर्व खेल मंत्री रह चुके अजय माकन 2010 में करोड़ो के कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले के आरोपी रहे है तो वही पूर्व कांग्रेस नेता सुरेश कलमाड़ी व हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष अभय चौटाला को इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन का लाइफ प्रेसिडेंट बनाए जाने के विरोध हो गया हैं.

उन्होंने हाल ही में हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि खेलों के मैनेजमेंट से राजनेता और ब्यूरोक्रेट बाहर होने चाहिए. ऐसे मैं एक कांग्रेस के नेता के तौर पर नहीं, बल्कि पूर्व खेलमंत्री की हैसियत से कह रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैं खुद पॉलिटिकल लाइन से ऊपर उठ कर बात कर रहा हूं. मैंने 2011 में जो बिल तैयार किया था वो अगर आ जाए तो मौजूदा खेल विभाग पर राज करने वाले 90% लोग बाहर हो जाएंगे.फिर कहते है कि  बीसीसीअाई प्रमुख और बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, परमिंदर सिंह ढींढसा और त्रिलोचन सिंह को विशेष प्रयास की जरूरत है. आप कैसे इसे जस्टिफाई कर सकते है कि हमारे कार्यकाल में जो लोग भ्रष्टाचार के आरोपी थे और जिन्हें हमने हटाया उन्हें इस कार्यकाल में आजीवन अध्यक्ष बना दिया गया.

उसके बाद माकन कहते है चौटाला जी और कलमाडी जी को आईओए का आजीवन अध्यक्ष बनाकर हमने अपने स्पोर्ट्स की उलटी गिनती शुरू कर दी है. मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि चार्जशीटेड लोगों को आईओए का अध्यक्ष बनाया गया है. माकन ने इस बात पर संतोष जताया कि खेल मंत्री विजय गोयल ने इसपर सख्त बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि खेल मंत्री को कार्रवाई भी करनी चाहिए.

फ़िलहाल खेल मंत्री विजय गोयल ने दागी सुरेश कलमाडी और अभय सिंह चौटाला को आजीवन अध्यक्ष बनाने के लिये भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का आड़े हाथों लेते हुए कहा कि,'' यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है क्योंकि ये दोनों आपराधिक और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं. वहीं, कॉमनवेल्थ घोटाले के आरोपी सुरेश कलमाडी और अभय चौटाला को आईओए का आजीवन अध्यक्ष बनाए जाने का सरकार ने भी विरोध किया है. इसके साथ ही खेल मंत्री विजय गोयल ने भारतीय ओलंपिक संघ से कलमाडी और चौटाला पर रिपोर्ट मांगी है. उनका कहना है कि दोनों की नियुक्ति गंभीर मामला है और रिपोर्ट आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी

बात दे कि 2010  में  सुरेश कलमाडी की दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ खेलों में उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और  वह जेल भी जा चुके है  लेकिन बाद में कोर्ट ने कलमाडी को जमानत दे दी थी  

वहीं, आईओए के वाइस प्रेसिडेंट आरके आनंद ने कहा कि अगर किसी के खिलाफ केस चल रहा है. तो वह अपराधी नहीं है. केस के पूरी जांच के बिना कैसे आरोप सिद्ध हो गए? किसी का राजनैतिक करियर खराब करने के लिए भी ऐसा किया जा सकता है. नेशनल फेडरेशन में डिसाइड होता है कि कौन मेंबर होगा.

उस पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, चौटाला और कलमाड़ी को आजीवन सदस्यता मिलना दिखाता है मोदी सरकार की नाकामी को. यह मोदी सरकार की सहमति से हुआ है. जिसके ऊपर करप्पशन का चार्ज है वो इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन का आजीवन सदस्य नहीं हो सकता है.

मैराथन रनर सुनीता गोडारा ने कहा कि,'' मैंने पिछले 30 साल से इन लोगों को करप्शन में लिप्त देखा है. ये खिलाड़ियों को कुछ भी नहीं समझते हैं. इंडियन ओलंपिक ऐसोसिएशन ने किस आधार पर सुरेश कलमाडी और चौटाला को आजीवन सदस्यता दी है? कलमाड़ी करप्शन के चार्ज में जेल जा चुके हैं. ऐसे लोगों को सदस्यता देना करप्शन बढ़ाना है. फेडरेशन में कुछ अच्छे लोगों की जरूरत है. डोपिंग जैसे सामान्य केस में इन्होने कदम नहीं उठाया.

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