नई दिल्ली : जहाँ एक तरफ यह सुनने को मिल रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सभी टेलीकॉम कम्पनियो को कॉल ड्राप के मामले में राहत प्रदान कर दी गई है. तो वही इस बीच एक नई खबर सामने आई है. इसके अनुसार यह बात सामने आई है कि एयरटेल ने इस समस्या से विपरीत दिशा में अपना कदम उठाया है.
गौरतलब है कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की पहल को ध्यान में रखते हुए उच्चतम न्यायालय के यह फैसल सुनाया था कि कोई भी कम्पनी कॉल ड्राप को लेकर हर्जाना नहीं भरने वाली है. जबकि ट्राई ने यह कहा था कि यदि किसी हालात में यदि कॉल ड्राप होता है तो कम्पनियो को एक दिन में तीन कॉल ड्राप के बाद प्रति कॉल एक रु का जुर्माना देना होगा.
जबकि इस मामले में ही एयरटेल का यह बयान सामने आया है कि वह स्वेच्छा से कॉल ड्रॉप के लिए 1.5 प्रतिशत मानक का अनुपालन करने वाली है. इसके साथ ही यह भी बताया गया है कि वह अपने परिचालन वाले प्रत्येक सर्किल में 1.5 प्रतिशत सीमा के बाद कॉल ड्रॉप में प्रत्येक 0.01 प्रतिशत बढ़ोतरी के लिए ग्रामीण शिक्षा के मद में एक लाख रुपये का अंशदान भी करने वाली है. लेकिन इसके अलावा यह भी कहा गया है कि इसकी अधिकतम राशि 100 करोड़ रुपये सालाना तक सीमित रहने वाली है.