नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के विदेश जाने की राह पर सुप्रीम कोर्ट ने अडंगा लगा दिया है। दरअसल, गुरुवार को कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम की उस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें कार्ति ने विदेश जाने की अनुमति मांगी थी। बता दें कि कार्ति पर आईएनएक्स मीडिया मामले में मामला दर्ज है।
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सुप्रीम कोर्ट में जैसे ही प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ के सामने यह याचिका आई, कोर्ट ने कहा कि चिदंबरम अभी देश में ही रहें। इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगाई, न्यायामूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने कहा कि कार्ति चिदंबरम का विदेश जाना इतना बड़ा मुद्दा नहीं है, जिस पर तुरंत सुनवाई की जाए। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि कार्ति चिदंबरम का विदेश जाना इनता जरूरी नहीं है कि उसे अन्य मामलों से पहले रखा जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि जज के पास उनकी क्षमता से ज्यादा केस हैं और इस समय कार्ति चिदंबरम के विदेश जाने से ज्यादा जरूरी अन्य मामले हैं, जिन पर सुनवाई होनी है। गौरतलब है कि गुरुवार को ही दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने एयरसेल—मैक्सिस मामले में पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम की गिरफ्तारी पर रोक को 26 नवंबर तक बढ़ा दिया है। कोर्ट ने इससे पहले इनकी गिरफ्तारी पर 1 नवंबर तक रोक लगाई थी। इसके बाद इसे आज और बढ़ा दिया गया।
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बता दें कि 19 जुलाई को सीबीआई ने एयरेसल—मैक्सिस मामले में दायर आरोप-पत्र में चिदंबरम और उनके बेटे को आरोपी बनया था। दरअसल, सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि 2006 में वित्त मंत्री के तौर पर चिदंबरम ने एक विदेशी कंपनी को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दी।
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