बालासोर : ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के हवाई संस्करण का आज सुबह साढ़े दस बजे ओडिशा के तट पर सुखोई 30 एमके-आई सुपरसोनिक लड़ाकू विमान से सफल परीक्षण किया गया।
हवाई जहाज से लॉन्च की गई मिसाइल ने पूर्व-नियोजित प्रक्षेपवक्र का अनुसरण किया और इस उड़ान में सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया। लॉन्च ब्रह्मोस विकास प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह देश में पहली बार वायु-संस्करण वाली ब्रह्मोस मिसाइलों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है।
भारतीय उद्योग ने प्रमुख एयरफ्रेम असेंबलियों का निर्माण किया है जो रैमजेट इंजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। रैमजेट ईंधन टैंक और वायवीय ईंधन आपूर्ति प्रणाली धातु और गैर-धातु एयरफ्रेम तत्वों में से हैं।
परीक्षण के दौरान डिवाइस की संरचनात्मक अखंडता और कार्यात्मक कार्यक्षमता का प्रदर्शन किया गया। जुलाई 2021 में ब्रह्मोस के एयर वेरिएंट का आखिरी बार परीक्षण किया गया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण फायरिंग के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), ब्रह्मोस, भारतीय वायु सेना की सराहना की।
ब्रह्मोस DRDO और रूस के NPO Mashinostroyeniya का एक संयुक्त उद्यम है जिसके परिणामस्वरूप ब्रह्मोस एयरोस्पेस का निर्माण हुआ। मिसाइल का नाम दो नदियों से मिलता है: भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा।
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