नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल ही नहीं बल्कि खाद्य तेल की कीमतों ने भी आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है। बीते एक वर्ष के चलते सरसों तेल की कीमत लगभग दोगुना हो चुकी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरसों का तेल थोड़ा महंगा हुआ है क्योंकि उसमें सरकार ने मिलावट को बंद किया है। हालांकि उन्होंने बताया कि ये भारत सरकार का बेहद अहम निर्णय है तथा इसका लाभ देशभर के तिलहन तथा सरसों में काम करने वाले अन्नदाताओं को होने वाला है।
सरसो का तेल थोड़ा महंगा हुआ है क्योंकि उसमें सरकार ने मिलावट को बंद किया है। ये भारत सरकार का बहुत महत्वपूर्ण फैसला है और इसका फायदा देशभर के तिलहन और सरसो में काम करने वाले किसानों को होने वाला है। जो भी दाम बढ़ेंगे उस पर सरकार की नजर है: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर pic.twitter.com/91whz7eAy4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 9, 2021
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बढ़ती सरसों के तेल की कीमत को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि अब तेल में किसी तरह की कोई मिलावट नहीं होगी इसलिए कीमत बढ़ाई गई हैं। भाजपा का मानना है कि इसका लाभ तिलहन तथा सरसों में काम करने वाले अन्नदाताओं को होगा।
कोरोना के उपचार और महंगाई की मार ने पहले ही आम जनता की कमर तोड़ दी थी। खाद्य तेल के रूप में सबसे अधिक उपयोग सरसों तेल का ही होता है। ऐसे में पिछले एक वर्ष के चलते इसकी कीमत में लगभग दोगुनी वृद्धि आम आदमी की समस्यां बढ़ा रही है। मगर केवल सरसों तेल ही नहीं बल्कि मूंगफली, सूरजमुखी, डालडा तथा रिफाइंड जैसे दूसरे खाद्य तेलों की कीमतों में भी वृद्धि देखने को मिली है। वही इस वर्ष जिस सरसों तेल की कीमत 170 से 180 रुपये प्रति लीटर चल रही है, वही सरसों तेल बीते वर्ष मई के दौरान 120-130 रुपये के नजदीक था। ऑनलाइन मार्केट में ब्रांडेड कंपनियां कच्ची घानी सरसों तेल को 175 से 180 रुपये प्रति लीटर की कीमत से बेच रही है।
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